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'दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज, कल से खुलेंगे बॉर्डर' - सरकारी अस्पताल

दिल्ली के बॉर्डर कल से खोले जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली के अस्पतालों और दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में दिल्ली से बाहर वाले इलाज नहीं करा सकेंगे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की.

CM Kejriwal said in the press conference that all borders will be opened from June 8 unlock 1
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Published : Jun 7, 2020, 2:16 PM IST

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम घोषणाएं की. सीएम ने कहा कि कल से दिल्ली के मॉल, रेस्टोरेंट और धार्मिक स्थल खोले जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि ये सब खुल जाने के बाद भी एहतियातन इंतजाम जारी रहेंगे. लेकिन होटल और बैंक्वेट हॉल नहीं खोले जा रहे हैं, क्योंकि आगामी दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद इन्हें अस्पतालों के साथ अटैच करना पड़ सकता है.

'दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज'



सीएम केजरीवाल ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए सब खोल रहे हैं लेकिन एहतियात बरतना जरूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग मास्क लगाना और हाथ धोना सबसे ज्यादा जरूरी. केजरीवाल ने बुजुर्गों से खास अपील कि आपके लिए लॉकडाउन अभी खत्म नहीं हुआ. जितनी मौतें हो रहीं हैं, उनमें सबसे ज्यादा बुर्जुग हैं. इसलिए बुजुर्ग ज्यादा ध्यान रखें. मुख्यमंत्री ने एक अहम घोषणा की कि कल से दिल्ली के बॉर्डर खोले जा रहे हैं.

सोमवार से खुल जाएगी पूरी दिल्ली



मिले थे 7 लाख सुझाव

आपको बता दें कि एक हफ्ते पहले बॉर्डर सील किए गए थे. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना होने तक दिल्ली के सारे अस्पताल देशभर के लिए खुले रहते थे. इनमें 60-70 फीसदी मरीज बाहर के होते थे.

लेकिन दिल्ली में अभी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में अगर सबके लिए अस्पताल खोल दिए तो दिल्ली वाले कहां जाएंगे. उन्होंने बताया कि इसे लेकर दिल्ली की जनता से सुझाव मांगा था. साढ़े 7 लाख लोगों ने सुझाव भेजे हैं.



'सिर्फ दिल्ली वालों का होगा इलाज'

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुल मिले सुझावों में से 90 फीसदी लोगों का कहना था कि दिल्ली के अस्पताल दिल्ली के लोगों के लिए रिजर्व होने चाहिए. उन्होंने बताया कि हमने पांच बड़े डॉक्टर्स की एक कमिटी भी बनाई थी.

डॉ. महेश वर्मा के नेतृत्व में बनी इस कमिटी ने विचार करके अपनी रिपोर्ट दी है. उनका कहना है कि दिल्ली में अभी केस बहुत बढ़ रहे हैं और जून के अंत तक दिल्ली को 15 हजार बेड की जरूरत होगी. इसलिए दिल्ली में कुछ दिन सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज होना चाहिए.



कैबिनेट मीटिंग में फैसला

इन दोनों सुझावों पर आज कैबिनेट की मीटिंग हुई. अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली सरकार के पास 10 हजार बेड हैं और केंद्र के पास भी 10 हजार बेड हैं. कैबिनेट की बैठक में तय हुआ कि हम कल से बॉर्डर खोल रहे हैं. लेकिन दिल्ली के सरकारी अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज होगा और केंद्र के अस्पतालों में बाहर के राज्यों के लोग भी इलाज करा सकेंगे. उन्होंने कहा कि कुछ स्पेशल ट्रीटमेंट के लिए लोग बाहर से दिल्ली आते हैं, उनके लिए दिल्ली खुली रहेगी.

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम घोषणाएं की. सीएम ने कहा कि कल से दिल्ली के मॉल, रेस्टोरेंट और धार्मिक स्थल खोले जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि ये सब खुल जाने के बाद भी एहतियातन इंतजाम जारी रहेंगे. लेकिन होटल और बैंक्वेट हॉल नहीं खोले जा रहे हैं, क्योंकि आगामी दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद इन्हें अस्पतालों के साथ अटैच करना पड़ सकता है.

'दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज'



सीएम केजरीवाल ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए सब खोल रहे हैं लेकिन एहतियात बरतना जरूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग मास्क लगाना और हाथ धोना सबसे ज्यादा जरूरी. केजरीवाल ने बुजुर्गों से खास अपील कि आपके लिए लॉकडाउन अभी खत्म नहीं हुआ. जितनी मौतें हो रहीं हैं, उनमें सबसे ज्यादा बुर्जुग हैं. इसलिए बुजुर्ग ज्यादा ध्यान रखें. मुख्यमंत्री ने एक अहम घोषणा की कि कल से दिल्ली के बॉर्डर खोले जा रहे हैं.

सोमवार से खुल जाएगी पूरी दिल्ली



मिले थे 7 लाख सुझाव

आपको बता दें कि एक हफ्ते पहले बॉर्डर सील किए गए थे. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना होने तक दिल्ली के सारे अस्पताल देशभर के लिए खुले रहते थे. इनमें 60-70 फीसदी मरीज बाहर के होते थे.

लेकिन दिल्ली में अभी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में अगर सबके लिए अस्पताल खोल दिए तो दिल्ली वाले कहां जाएंगे. उन्होंने बताया कि इसे लेकर दिल्ली की जनता से सुझाव मांगा था. साढ़े 7 लाख लोगों ने सुझाव भेजे हैं.



'सिर्फ दिल्ली वालों का होगा इलाज'

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुल मिले सुझावों में से 90 फीसदी लोगों का कहना था कि दिल्ली के अस्पताल दिल्ली के लोगों के लिए रिजर्व होने चाहिए. उन्होंने बताया कि हमने पांच बड़े डॉक्टर्स की एक कमिटी भी बनाई थी.

डॉ. महेश वर्मा के नेतृत्व में बनी इस कमिटी ने विचार करके अपनी रिपोर्ट दी है. उनका कहना है कि दिल्ली में अभी केस बहुत बढ़ रहे हैं और जून के अंत तक दिल्ली को 15 हजार बेड की जरूरत होगी. इसलिए दिल्ली में कुछ दिन सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज होना चाहिए.



कैबिनेट मीटिंग में फैसला

इन दोनों सुझावों पर आज कैबिनेट की मीटिंग हुई. अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली सरकार के पास 10 हजार बेड हैं और केंद्र के पास भी 10 हजार बेड हैं. कैबिनेट की बैठक में तय हुआ कि हम कल से बॉर्डर खोल रहे हैं. लेकिन दिल्ली के सरकारी अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज होगा और केंद्र के अस्पतालों में बाहर के राज्यों के लोग भी इलाज करा सकेंगे. उन्होंने कहा कि कुछ स्पेशल ट्रीटमेंट के लिए लोग बाहर से दिल्ली आते हैं, उनके लिए दिल्ली खुली रहेगी.

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