नई दिल्ली: प्रदेश सरकार द्वारा मेट्रो में महिलाओं की फ्री राइड योजना से पहले मेट्रो बोर्ड में चार सदस्यों के मनोनीत करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. दिल्ली सरकार द्वारा मनोनीत सदस्यों के नाम पर केंद्र सरकार सहमत नहीं है.
दिल्ली सरकार ने जिन आम आदमी पार्टी नेताओं को दिल्ली मेट्रो के बोर्ड में डायरेक्टर पद के लिए भेजा है. उस पर शहरी विकास मंत्रालय ने पत्र लिखकर कहा कि मनोनीत सदस्यों के नाम वापस ले और उनकी जगह पहले की तरह ही दिल्ली सरकार के अधिकारी या पूर्व सरकारी अधिकारियों को ही बोर्ड में नियुक्त करें.
केंद्र सरकार की ओर से आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के. संजय मूर्ति ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय देव को पत्र लिखकर सलाह दी है कि दिल्ली मेट्रो और दिल्ली के विकास के लिए राज्य सरकार प्रस्तावित नाम को वापस ले लें.
मनोनीत सदस्यों में किसका है नाम
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पिछले दिनों ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और दिल्ली मेट्रो को पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली सरकार ने बोर्ड में 4 नए सदस्य नियुक्त करने का फैसला किया है. जो नाम भेजे थे उनमें आम आदमी पार्टी के सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता, दिल्ली डायलॉग कमीशन के चेयरमैन जासमीन शाह, आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा और आतिशी मारलेना का नाम शामिल था.
गाइडलाइंस का दिया हवाला
केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय की ओर से दिल्ली सरकार को जो जवाब भेजा गया है, उसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को लेकर 1993 की गाइडलाइंस का भी हवाला दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि बोर्ड सदस्य में अगर सरकारी अधिकारी या सेवानिवृत्त अधिकारी नहीं रहेंगे तो उनकी जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की जा सकती है. देश भर में अभी इसी मॉडल पर सभी मेट्रो बोर्ड में सरकार की तरफ से सदस्य मनोनीत किए गए हैं.
नौकरशाहों की जगह नेताओं को किया मनोनीत
बता दें कि दिल्ली सरकार ने मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त सवारी कराने की योजना साकार हो इसके लिए मेट्रो बोर्ड में फेरबदल करते हुए अपने नए सदस्यों को मनोनीत किया है. खास बात यह है कि 17 सदस्य वाले मेट्रो बोर्ड में अभी तक सरकार की तरफ से नौकरशाह ही सदस्य होते रहे हैं. जिनमें मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव, वित्त विभाग के प्रधान सचिव, सूचना विभाग और योजना विभाग के अधिकारी सदस्य होते रहे हैं. लेकिन अपने उक्त वादे को पूरा करने के लिए केजरीवाल सरकार ने नौकरशाहों की जगह आम आदमी पार्टी के नेताओं को सदस्य मनोनीत किया है.