नई दिल्ली : आखिरकार करीब 1 महीने की देरी के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दसवीं कक्षा के नतीजे जारी कर दिए गए है. दोपहर 12:00 बजे नतीजे जारी कर दिए गए. कोरोना के चलते इस बार दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं नहीं हुई, ऐसे में पूर्व परीक्षाओं के आधार पर सीबीएसई 10वीं बोर्ड के नतीजे जारी किए गए हैं. छात्र लंबे समय से नतीजों का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अब नतीजे आने के बाद कुछ छात्र इससे मायूस भी हैं, जबकि कई संतुष्ट हैं.
दसवीं बोर्ड के नतीजे आने के बाद ईटीवी भारत ने छात्रों से बात की. रिजल्ट चेक करने के बाद छात्र अभिषेक ने बताया कि उनके 59% आए हैं जो उन्होंने बिल्कुल भी उम्मीद नहीं की थी, यदि पिछली परीक्षाओं के आधार पर परिणाम तैयार किए गए हैं, तो उनके पिछले वर्ष नौवीं क्लास में 69% आए थे इसके अलावा उन्होंने दसवीं क्लास के इंटरनल एसेसमेंट और प्री बोर्ड में भी अच्छा स्कोर किया था. बावजूद इसके उनके इतने कम नंबर आए हैं, जिससे कि वह अब आगे अपना पसंदीदा विषय कॉमर्स विद मैथ नहीं ले पाएंगे, जिससे वह बहुत निराश हैं.
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दसवीं के परीक्षा परिणाम को लेकर छात्र आदि गोविल ने कहा कि वह परीक्षा परिणाम से काफी संतुष्ट हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें दसवीं के परीक्षा परिणाम में 95 फ़ीसदी अंक प्राप्त हुए हैं. इसमें मैथ्स में 100 अंक मिला है. साथ ही कहा कि फिलहाल की स्थिति में परीक्षा कराना मुमकिन नहीं था जिस तरीके से सीबीएसई और स्कूल ने मिलकर रिजल्ट तैयार किया है वह काबिले तारीफ है. इसके अलावा छात्रा प्रज्ञा झा ने कहा कि उन्हें 88 फ़ीसदी अंक प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि वह परीक्षा परिणाम से संतुष्ट है लेकिन अगर परीक्षा होती तो रिजल्ट इसे और बेहतर ही होता. इसके अलावा उन्होंने कहा कि फिलहाल की परिस्थिति को देखते हुए जिस तरीके से सीबीएसई ने परीक्षा नहीं करा कर पूर्व के परीक्षा के आधार पर मूल्यांकन किया है वह सीबीएसई के निर्णय से संतुष्ट है.
वहीं कोचिंग सेंटर चलाने वाले असलम अली ने बताया कि अधिकतर छात्र दसवीं के नतीजों से संतुष्ट नहीं है, सरकार द्वारा जो गाइडलाइन जारी की गई थी परीक्षाओं के आधार पर ही नतीजे जारी करने के लिए कहा गया था, लेकिन वो जिन छात्रों को पढ़ा रहे हैं तो उन्हें यह मालूम है कि कौन सा छात्र कितनी मेहनत करता था, ऐसे में अच्छे नंबर वाले छात्रों को दसवीं के परिणाम में अच्छे नंबर नहीं मिले हैं. जिसके चलते छात्र मायूस है. छात्र शिक्षकों पर परिणाम तैयार करने को लेकर भेद भाव का आरोप भी लगा रहे हैं.
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शिक्षक असलम अली ने कहा की परीक्षाओं में छात्र अच्छे नंबरों की उम्मीद इसीलिए करते हैं की वह अगली कक्षा में अपने पसंदीदा विषय ले सके और उसमें पढ़ाई करके अपना भविष्य बना सकें, ऐसे में कम नंबर आने के बाद छात्र अपना पसंदीदा विषय नहीं ले पाएंगे, और यदि सरकार छात्रों को इन नंबरों के साथ ही इनका पसंदीदा विषय दे दे, तो छात्रों को इन नंबरों से कोई परेशानी नहीं होगी.