नई दिल्ली: नॉर्दन रेलवे के सेंट्रल हॉस्पिटल में रेलवे बेनेफ़िशरियों को मिलने वाला इलाज अब कैशलेस होने के साथ ही पेपरलेस हो गया है. रेलवे ने इस अस्पताल में उम्मीद यानि यूनिक मेडिकल आइडेंटिटी कार्ड की सुविधाएं शुरू कर दी है. इसके ज़रिए अस्पताल में आने वाले लाखों मरीज़ों को फ़ायदा मिलने का दावा किया जा रहा है.
किसी तरह के कागजात दिखाने की नहीं होगी जरूरत
यूनिक मेडिकल आइडेंटिटी कार्ड की मदद से मरीज़ों की एक यूनिक ऑनलाइन प्रोफ़ाइल बनेगी. इसे अस्पताल के साथ डॉक्टर भी देख सकेंगे. रजिस्ट्रेशन से लेकर डॉक्टर कंसल्टेशन या फिर दवाईयों की ख़रीद तक में मरीज़ों को किसी भी तरह के काग़ज़ दिखाने की ज़रूरत नहीं होगी. इस यूनिक कार्ड की मदद से ही सारी जानकारी डिजिटली स्टोर हो जाएगी.
मरीजों के साथ डॉक्टरों के लिए भी फायदेमंद
अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर एससी ख़ोरवाल ने ETV भारत से ख़ास बातचीत में कहा कि यह कार्ड सिर्फ़ मरीज़ों के लिए नहीं, बल्कि परिवारजनों और डॉक्टरों के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद साबित होगा. अभी की परिस्थितियों में जब भी किसी मरीज़ को इलाज के लिए अस्पताल आना होता है, तब उसे कोई फिजिकल कार्ड या रेफरेंस दिखाना होता है. आपातकाल की स्थिति में कई बार यह सभी औपचारिकताएं मुमकिन नहीं हो पाती हैं. ऐसे में ये कार्ड लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा.
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देखे जा सकेंगे हिस्ट्री के साथ मौजूदा प्रिस्क्रिप्शन
उन्होंने बताया कि इस कार्ड में मरीज़ों के स्वास्थ्य संबंधित सारा डेटा स्टोर होता है. कार्ड पर दिए गए यूनिक नंबर की मदद से रजिस्ट्रेशन पर मरीज़ की पुरानी हिस्ट्री के साथ मौजूदा प्रिस्क्रिप्शन भी देखे जा सकते हैं. डॉक्टर खोरवाल कहते हैं कि मौजूदा समय में सेंट्रल हॉस्पिटल में इसकी शुरुआत की गई है. आने वाले दिनों में पूरी योजना का विस्तार होगा, जिसमें हॉस्पिटल पूरी तरह पेपरलेस हो जाएगा.