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'ट्रैक्टर मार्च में हुई हिंसा के हो उच्चस्तरीय जांच', BKU भानु के पदाधिकारियों की मांग

26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद किसान के ट्रैक्टर मार्च पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं. इस कड़ी में भारतीय किसान यूनियन भानु के पदाधिकारियों का कहना है कि इसकी जांच होनी चाहिए कि वह कौन लोग थे, जिन्होंने ट्रैक्टर मार्च को हिंसक आंदोलन में बदल दिया.

Bhanu officials demand inquiry into tractor march violence
भानु गुट
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Published : Jan 27, 2021, 12:44 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 1 दिसंबर से लगातार जारी है. 26 जनवरी को किसान और पुलिस के बीच की झड़प ने किसानों पर सवाल खड़ा कर दिया है. जिसपर भारतीय किसान यूनियन भानु के पदाधिकारियों का कहना हैं कि यह जांच का विषय है, वह कौन लोग थे जिन्होंने ट्रैक्टर मार्च को हिंसक आंदोलन में बदल दिया.

BKU भानु के पदाधिकारियों की मांग
"उच्च स्तरीय जांच की मांग"भारतीय किसान यूनियन भानु के महानगर अध्यक्ष राजीव नागर ने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय और भारत की अखंडता-संप्रभुता से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा करने वाले किसान पुत्र नहीं हो सकते. ऐसे में सरकार से उच्च स्तरीय जांच की हम मांग करते हैं और जो लोग दोषी हैं उन पर कार्रवाई की जाए. "जवान-किसान भाई-भाई"किसान आंदोलन में लंबे वक्त से डटे हुए लोगों का कहना है कि किसान और जवान भाई-भाई है. ऐसे में किसान जवानों पर ना तो लाठी उठा सकता है और ना ही मारपीट कर सकता है. किसान आंदोलन के बीच में वह कौन लोग थे जिन्होंने हुड़दंगई किया और शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च को हिंसक आंदोलन में तब्दील कर दिया. भोजन करने वाले लोगों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और लोगों को दंडित किया जाना चाहिए.

"अज्ञात लोगों पर हो कार्रवाई"
मथुरा से आए किसान किसन नम्बरदार ने बताया कि किसानों से इतर लोग जो ट्रैक्टर मार्च में घुसे हैं उसकी जिम्मेदारी संगठनों की होनी चाहिए. इसके अलावा दिल्ली पुलिस और इंटेलिजेंस को भी जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने बताया आंदोलन शुरू होने से पहले उन्होंने भी पुलिस को दो अज्ञात लोगों को पकड़वाया है. हालांकि अब कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है पुलिस ने FIR दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 1 दिसंबर से लगातार जारी है. 26 जनवरी को किसान और पुलिस के बीच की झड़प ने किसानों पर सवाल खड़ा कर दिया है. जिसपर भारतीय किसान यूनियन भानु के पदाधिकारियों का कहना हैं कि यह जांच का विषय है, वह कौन लोग थे जिन्होंने ट्रैक्टर मार्च को हिंसक आंदोलन में बदल दिया.

BKU भानु के पदाधिकारियों की मांग
"उच्च स्तरीय जांच की मांग"भारतीय किसान यूनियन भानु के महानगर अध्यक्ष राजीव नागर ने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय और भारत की अखंडता-संप्रभुता से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता. उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा करने वाले किसान पुत्र नहीं हो सकते. ऐसे में सरकार से उच्च स्तरीय जांच की हम मांग करते हैं और जो लोग दोषी हैं उन पर कार्रवाई की जाए. "जवान-किसान भाई-भाई"किसान आंदोलन में लंबे वक्त से डटे हुए लोगों का कहना है कि किसान और जवान भाई-भाई है. ऐसे में किसान जवानों पर ना तो लाठी उठा सकता है और ना ही मारपीट कर सकता है. किसान आंदोलन के बीच में वह कौन लोग थे जिन्होंने हुड़दंगई किया और शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च को हिंसक आंदोलन में तब्दील कर दिया. भोजन करने वाले लोगों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और लोगों को दंडित किया जाना चाहिए.

"अज्ञात लोगों पर हो कार्रवाई"
मथुरा से आए किसान किसन नम्बरदार ने बताया कि किसानों से इतर लोग जो ट्रैक्टर मार्च में घुसे हैं उसकी जिम्मेदारी संगठनों की होनी चाहिए. इसके अलावा दिल्ली पुलिस और इंटेलिजेंस को भी जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने बताया आंदोलन शुरू होने से पहले उन्होंने भी पुलिस को दो अज्ञात लोगों को पकड़वाया है. हालांकि अब कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है पुलिस ने FIR दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

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