नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार काे एलान किया कि 2025 तक यमुना को साफ किया जाएगा (Yamuna will be cleaned by 2025). मुख्यमंत्री के इस एलान को विपक्ष ने फिर सफेद झूठ बताया है. ईटीवी भारत से दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि केजरीवाल पिछले छह साल में छह बार कह चुके हैं कि वह यमुना को जल्द ही ऐसा बना देंगे कि वहां लाेग डुबकी लगा सकते हैं, लेकिन वह विफल रहे और अब जिस तरह अचानक उन्हें यमुना को स्वच्छ बनाने की बात याद आई है लगता है उन्हें भूलने की बीमारी हो गई है.
हरीश खुराना ने कहा कि केजरीवाल छह साल में छह बार से अधिक कह चुके हैं कि वह यमुना को ऐसा बना देंगे कि दिल्ली वालों को यमुना का पानी पीने के लिए सीधे मिल सकेगा. लेकिन अफसोस जब दिल्ली वालों को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है वे दिल्ली छोड़ राजनीतिक टूर पर निकल जाते हैं. पिछले दिनों ही दिल्ली के मुख्यमंत्री गोवा, पंजाब, यूपी, राजस्थान के दौरे पर थे. पिछले दिनों छठ महापर्व में जिस तरह दिल्ली में रह रहे पूर्वांचल के लोगों को परेशानी हुई और अब प्रदूषण से जीना मुहाल हो गया है. मुख्यमंत्री को इसका उपाय न कर यमुना को साफ बनाने का ख्याल आ गया है.
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तो वहीं ईटीवी भारत से प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता (State BJP President Adesh Gupta) ने कहा कि यमुना को साफ बनाने की बात मुख्यमंत्री 2015 से लगातार कह रहे हैं. केंद्र सरकार ने भी इसके लिए 2419 करोड़ रुपये दिए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग वायु प्रदूषण के साथ-साथ जल प्रदूषण से भी पीड़ित है. राजधानी से बह कर गुजरने वाली यमुना नदी पुराणिक और पवित्र नदी है, लेकिन राजधानी दिल्ली में 22 किलोमीटर के सफर में यमुना नदी इतनी प्रदूषित हो जाती है यमुना का पानी पीने लायक भी रह जाता है.
दिल्ली के कई बड़े नालों का आउट फॉल यमुना नदी में गिरता है, जो कि यमुना के जल के प्रदूषित होने का प्रमुख कारण भी है. दिल्ली सरकार के द्वारा अभी तक यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के मद्देनजर कोई भी जरूरी और ठोस कदम नहीं उठाया गया है. केंद्र सरकार के द्वारा भी दिल्ली सरकार को 2419 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता यमुना नदी को साफ करने के मद्देनजर दी गई थी, लेकिन उसके बावजूद दिल्ली सरकार के द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाया गया. दिल्ली सरकार को राजधानी के अंदर एसटीपी यानी कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करनी थी. लेकिन उसे करने में भी दिल्ली सरकार पूरी तरीके से फेल साबित हुई है.
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यमुना नदी में जो प्रदूषण हैं उसका 80 फीसद हिस्सा राजधानी दिल्ली के नालो से यमुना नदी में मिलता है. आदेश गुप्ता का कहना है कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार यमुना नदी की गंदगी तो अपने कार्यकाल में अभी तक कम नहीं कर पाई हैं. सिर्फ समय-समय पर नए डेडलाइन का पुरानी स्क्रिप्ट को पढ़ देती है. पिछले दिनों आस्था के पर्व छठ के ऊपर बैन लगा दिया गया है, जिससे कि लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. यमुना नदी को साफ और स्वच्छ बनाने के मद्देनजर 13 विभिन्न प्रकार के अलग-अलग प्रोजेक्ट शुरू किए जाने थे. जिसको लेकर केंद्र सरकार से बकायदा दिल्ली सरकार ने फंड भी लिया. लेकिन इन सभी 13 प्रोजेक्ट में से एक भी प्रोजेक्ट को आज तक दिल्ली सरकार किसी भी तरीके से पूरा नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चल रही आप की दिल्ली सरकार है. यमुना में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को जिम्मेदार ठहराना मुख्यमंत्री केजरीवाल बंद करें और अपनी जिम्मेदारी को निभाए.