ETV Bharat / city

अंशु प्रकाश से मारपीट मामला : AAP के 11 विधायकों को बरी करने के मामले में सुनवाई 28 को - राऊज एवेन्यू कोर्ट

राऊज एवेन्यू कोर्ट की सेशंस कोर्ट ने मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को बरी करने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की याचिका पर सुनवाई टाल दी है.

राऊज एवेन्यू कोर्ट
राऊज एवेन्यू कोर्ट
author img

By

Published : Jan 12, 2022, 7:42 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में सुनवाई टाल दी है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 28 जनवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है.

मामले में शिकायतकर्ता अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपों से बरी करने के खिलाफ सेशंस कोर्ट में याचिका दायर की है. इस मामले पर सेशंस कोर्ट 13 जनवरी को सुनवाई करेगी. 11 अगस्त को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया था. कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानुल्लाह खान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

इसे भी पढ़ेंः AAP के 11 विधायकों को बरी करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली

कोर्ट ने जिन्हें आरोपों से बरी किया था, उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज जा, राजेश गुप्ता, मदनलाल और दिनेश मोहनिया शामिल हैं. इस मामले में अंशु प्रकाश आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बैठक बुलाई गई थी. बैठक में उनके साथ आप के विधायकों ने मारपीट और बदसलूकी की थी. इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.

इसे भी पढ़ेंः महिला शादीशुदा हो या न हो, उसे मना करने का हक है : वैवाहिक रेप मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट


आरोप पत्र में पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी थीं.

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले में सुनवाई टाल दी है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 28 जनवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया है.

मामले में शिकायतकर्ता अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपों से बरी करने के खिलाफ सेशंस कोर्ट में याचिका दायर की है. इस मामले पर सेशंस कोर्ट 13 जनवरी को सुनवाई करेगी. 11 अगस्त को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 11 आम आदमी पार्टी के विधायकों को आरोपों से बरी कर दिया था. कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानुल्लाह खान के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

इसे भी पढ़ेंः AAP के 11 विधायकों को बरी करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली

कोर्ट ने जिन्हें आरोपों से बरी किया था, उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज जा, राजेश गुप्ता, मदनलाल और दिनेश मोहनिया शामिल हैं. इस मामले में अंशु प्रकाश आरोप लगाया था कि 19-20 फरवरी 2018 की आधी रात को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में बैठक बुलाई गई थी. बैठक में उनके साथ आप के विधायकों ने मारपीट और बदसलूकी की थी. इस मामले में दायर आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को आरोपी बनाया गया था.

इसे भी पढ़ेंः महिला शादीशुदा हो या न हो, उसे मना करने का हक है : वैवाहिक रेप मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट


आरोप पत्र में पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है. इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मुख्य सचिव को तीन सीटों वाले सोफे में अमानुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल के बीच में बैठने को कहा गया. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है. सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट में बताया था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के चेहरे पर लगी चोटें देखी थीं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.