नई दिल्ली : दिल्ली आंगनबाड़ी कर्मियों को हड़ताल पर बैठे हुए आज 10 दिन पूरे हो गए, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक उनकी मांगें नहीं मानी गई है. महिला कर्मियों ने अब अपनी मांगों को लेकर 11 फरवरी को रैली निकालने का फैसला लिया है. राजधानी दिल्ली के विकास भवन के बाहर सैकड़ाें की संख्या में आंगनबाड़ी कर्मी सड़क पर धरने पर बैठी हुई हैं. आरोप है कि कर्मियों का मानदेय में आखिरी बार वर्ष 2017 में वृद्धि की गई थी. इसके बाद से कोई भी वृद्धि नहीं की गई है. दिल्ली सरकार से कई बार वेतन बढ़ोतरी की मांग की गई, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है.
आंगनबाड़ी कर्मियों ने रैली का नाम 'खबरदार रैली' रखा है. सिविल लाइन इलाके में यह रैली निकाली जाएगी. रैली में सरकार की तरफ से किए गए वादे और उनके झूठे दिलासे की पोल खोलती हुई महिलाएं पोस्टर और बैनर लेकर रैली निकालेंगी.
आंगनबाड़ी कर्मियों की प्रमुख मांगे
- एक अक्टूबर 2018 से लागू मानदेय वृद्धि की बकाया राशि का तुरंत भुगतान किया जाए.
- आंगनबाड़ी कर्मियों को रिटायरमेंट की सुविधा दी जाए.
- सहेली समन्वय केंद्र खोलने व नई शिक्षा नीति के फैसले वापस लिए जाएं
- आंगनबाड़ी कर्मियों के कार्य दिवस को बढ़ाने का फैसला तत्काल वापस लिया जाए.
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.
- ईएसआई, पीएफ और पेंशन जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाए.
- सामाजिक सुरक्षा कार्ड दिये जाए.
- आंगनबाड़ी केंद्रों पर सूखे खाने को नियमित किया जाए.
- फोन और इंटरनेट बिल का भुगतान नियमित हाे.
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम रद्द की जाए.
- पोषण ट्रैकर एप बंद किया जाए.
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प्रदर्शनकारी कर्मियाें के मुताबिक, सरकार को उनकी जान की फिक्र नहीं है. कोरोना के समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी जान की फिक्र किए बिना सभी के घर जा जाकर अनाज बांटा था. सरकार ने उनके बारे में कभी नहीं सोचा. कहा कि हमारी जिम्मेदारी और महंगाई को ध्यान में रखते हुए सरकार मानदेय में तत्काल प्रभाव से बढ़ोतरी कर कार्यकर्ताओं एवं सहायिका को क्रमशः 25 हजार और 20 हजार रुपये के हिसाब से का भुगतान करे.
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