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आंगनबाड़ी कर्मियों ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

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Published : Mar 11, 2022, 7:23 PM IST

आंगनबाड़ी कर्मियों की हड़ताल पर एस्मा लगाये जाने के विरोध में शुक्रवार काे दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ माेर्चा खाेलने का ऐलान किया. आराेप लगाया कि दिल्ली सरकार और एलजी ने मिलकर एस्मा जैसे कानून लगाकर हड़ताल को तोड़ा है.

आंगनबाड़ी कर्मियों
आंगनबाड़ी कर्मियों

नई दिल्लीः आंगनबाड़ी कर्मियों की हड़ताल पर एस्मा लगाये जाने के विरोध में शुक्रवार काे दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन ने प्रेस वार्ता कर राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ माेर्चा खाेलने का ऐलान किया. दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की अध्यक्ष शिवानी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और भाजपा की केंद्र सरकार की मिलीभगत के कारण हमारे हड़ताल पर रोक लगाई गई. दिल्ली सरकार और एलजी के द्वारा मिलकर एस्मा जैसे कानून लगाकर हड़ताल को तोड़ा गया. शिवानी ने कहा कि फिलहाल, हड़ताल स्थगित की गयी है. उन्हाेंने कहा कि यह उनके मौलिक अधिकारों पर हमला है.


शिवानी ने कहा कि, एस्मा की कार्रवाई विभाग के अफसरों सुपरवाइजर और सीडीपीओ को आंगनबाड़ी कर्मियों को प्रताड़ित करने उन्हें निशाना बनाने और उनसे बदला लेने के तहत पूरी छूट देती है. गुरुवार काे ऐसा देखने को मिला भी. हड़ताल के स्थगित होने के बाद जैसे ही आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा अपने-अपने सेंटरों पर ज्वाइनिंग के लिए गई तो वहां पर सुपरवाइजर और सीडीपीओ ने उनसे जबरदस्ती माफीनामा लिखवाने का प्रयास किया. अनेकों सेंटरों पर महिलाकर्मियों से कोरे कागज पर हस्ताक्षर लेने का भी प्रयास किया गया.

दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की प्रेस कांफ्रेंस
आदेश की प्रति.
आदेश की प्रति.
आंगनबाड़ी कर्मियों ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा
इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में आंगनबाड़ी कर्मियों की चल रही 38 दिनों से हड़ताल पर लगी रोक


उन्हाेंने आराेप लगाया कि दिल्ली सरकार जब हड़ताल तोड़ने में नाकामयाब रही ताे आपसी सहमति बनाकर उपराज्यपाल के जरिए हड़ताल पर एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट के जरिए छह महीने की रोक लगा दी. शिवानी ने कहा कि यह कानून केवल सरकारी कर्मचारियों पर ही लगाया जाता है, लेकिन सरकार तो आंगनबाड़ी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देती ही नहीं तो उन्हें स्वैच्छिक कार्यकर्ता मानती है जो मानदेय पर काम करते हैं फिर दिल्ली के उप राज्यपाल महोदय इस पर एस्मा किस प्रकार लगा सकते हैं. बता दें कि दिल्ली में आंगनबाड़ी कर्मियों की संख्या 22 हजार के करीब है. इन्हें 6000 से 6500 और 12000 से 12500 हजार रुपए दिए जाते हैं.

आंगनबाड़ी कर्मियाें के आराेप व चेतावनीः

  1. टर्मिनेशन के खिलाफ जाएंगी कोर्ट
  2. 27 आंगनबाड़ी कर्मियों को गलत तरीके से टर्मिनेट किया गया
  3. गलत तरीके से आंगनबाड़ी कर्मियों को माफीनामा लिखवाया गया
  4. केंद्र सरकार के साथ मिलकर केजरीवाल सरकार ने एस्मा लगा दिया
  5. हड़ताल कुछ समय के लिए स्थगित की गयी है फिर से शुरू की जाएगी
  6. आम आदमी पार्टी के साथ बीजेपी का भी विरोध करेंगी
  7. एमसीडी चुनाव में आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ उनके परिवार वाले भी इन पार्टियों को वोट नहीं देंगे
  8. आंगनबाड़ी कर्मियों ने स्टेट गवर्नमेंट और सेंट्रल गवर्नमेंट को एक नोटिस भेजा है
  9. भाजपा और आप के नेताओं को चुनाव प्रचार के दाैरान अपने इलाके में घुसने नहीं देंगी

इसे भी पढ़ेंः MCD चुनाव टालने पर भड़के केजरीवाल, केंद्र के सामने झुका चुनाव आयोग


अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह के हरकतें ना केवल गैरकानूनी है बल्कि यह हरकतें भड़काऊ भी है. अगर मंत्री को आंगनबाड़ी कर्मियों की चिंता है तो तत्काल उन्हें प्रतिनिधिक यूनियन से वार्ता करनी चाहिए. हड़ताली कर्मियों के टर्मिनेशन और धमकी भरे आदेशों को रद्द करना चाहिए. विभाग की सीडीपीओ और सुपरवाइजर द्वारा माफीनामा जैसी कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाकर उपरोक्त अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.

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नई दिल्लीः आंगनबाड़ी कर्मियों की हड़ताल पर एस्मा लगाये जाने के विरोध में शुक्रवार काे दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन ने प्रेस वार्ता कर राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ माेर्चा खाेलने का ऐलान किया. दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की अध्यक्ष शिवानी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और भाजपा की केंद्र सरकार की मिलीभगत के कारण हमारे हड़ताल पर रोक लगाई गई. दिल्ली सरकार और एलजी के द्वारा मिलकर एस्मा जैसे कानून लगाकर हड़ताल को तोड़ा गया. शिवानी ने कहा कि फिलहाल, हड़ताल स्थगित की गयी है. उन्हाेंने कहा कि यह उनके मौलिक अधिकारों पर हमला है.


शिवानी ने कहा कि, एस्मा की कार्रवाई विभाग के अफसरों सुपरवाइजर और सीडीपीओ को आंगनबाड़ी कर्मियों को प्रताड़ित करने उन्हें निशाना बनाने और उनसे बदला लेने के तहत पूरी छूट देती है. गुरुवार काे ऐसा देखने को मिला भी. हड़ताल के स्थगित होने के बाद जैसे ही आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा अपने-अपने सेंटरों पर ज्वाइनिंग के लिए गई तो वहां पर सुपरवाइजर और सीडीपीओ ने उनसे जबरदस्ती माफीनामा लिखवाने का प्रयास किया. अनेकों सेंटरों पर महिलाकर्मियों से कोरे कागज पर हस्ताक्षर लेने का भी प्रयास किया गया.

दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की प्रेस कांफ्रेंस
आदेश की प्रति.
आदेश की प्रति.
आंगनबाड़ी कर्मियों ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा
इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में आंगनबाड़ी कर्मियों की चल रही 38 दिनों से हड़ताल पर लगी रोक


उन्हाेंने आराेप लगाया कि दिल्ली सरकार जब हड़ताल तोड़ने में नाकामयाब रही ताे आपसी सहमति बनाकर उपराज्यपाल के जरिए हड़ताल पर एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट के जरिए छह महीने की रोक लगा दी. शिवानी ने कहा कि यह कानून केवल सरकारी कर्मचारियों पर ही लगाया जाता है, लेकिन सरकार तो आंगनबाड़ी कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देती ही नहीं तो उन्हें स्वैच्छिक कार्यकर्ता मानती है जो मानदेय पर काम करते हैं फिर दिल्ली के उप राज्यपाल महोदय इस पर एस्मा किस प्रकार लगा सकते हैं. बता दें कि दिल्ली में आंगनबाड़ी कर्मियों की संख्या 22 हजार के करीब है. इन्हें 6000 से 6500 और 12000 से 12500 हजार रुपए दिए जाते हैं.

आंगनबाड़ी कर्मियाें के आराेप व चेतावनीः

  1. टर्मिनेशन के खिलाफ जाएंगी कोर्ट
  2. 27 आंगनबाड़ी कर्मियों को गलत तरीके से टर्मिनेट किया गया
  3. गलत तरीके से आंगनबाड़ी कर्मियों को माफीनामा लिखवाया गया
  4. केंद्र सरकार के साथ मिलकर केजरीवाल सरकार ने एस्मा लगा दिया
  5. हड़ताल कुछ समय के लिए स्थगित की गयी है फिर से शुरू की जाएगी
  6. आम आदमी पार्टी के साथ बीजेपी का भी विरोध करेंगी
  7. एमसीडी चुनाव में आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ उनके परिवार वाले भी इन पार्टियों को वोट नहीं देंगे
  8. आंगनबाड़ी कर्मियों ने स्टेट गवर्नमेंट और सेंट्रल गवर्नमेंट को एक नोटिस भेजा है
  9. भाजपा और आप के नेताओं को चुनाव प्रचार के दाैरान अपने इलाके में घुसने नहीं देंगी

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अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह के हरकतें ना केवल गैरकानूनी है बल्कि यह हरकतें भड़काऊ भी है. अगर मंत्री को आंगनबाड़ी कर्मियों की चिंता है तो तत्काल उन्हें प्रतिनिधिक यूनियन से वार्ता करनी चाहिए. हड़ताली कर्मियों के टर्मिनेशन और धमकी भरे आदेशों को रद्द करना चाहिए. विभाग की सीडीपीओ और सुपरवाइजर द्वारा माफीनामा जैसी कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाकर उपरोक्त अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.

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