नई दिल्ली/गोरखपुर: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग से बीजेपी के चुनाव चिन्ह को लेकर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि बीजेपी चुनाव चिन्ह के तौर पर राष्ट्रीय फूल कमल का प्रयोग कैसे कर सकती है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में गोरखपुर के समाजवादी पार्टी नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट काली शंकर यादव ने एक जनहित याचिका दायर कर रखी थी. इसके पूर्व में भी सुनवाई कोर्ट में हुई थी, लेकिन इस बार मामला बेहद गंभीर है क्योंकि निर्वाचन आयोग को अपना पक्ष 16 अगस्त को हाईकोर्ट के समक्ष रखना है.
चुनाव चिन्ह के मुद्दे को लेकर बीजेपी के ऊपर बड़ा हमला करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता काली शंकर यादव से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने कई तरह की कमियों की ओर इशारा किया. काली शंकर ने कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के पास तो राष्ट्रीय पुष्प के रूप में पंजीकृत किसी पुष्प का नाम ही नहीं है. उनकी आरटीआई से इसका भी खुलासा हुआ है, लेकिन जब राष्ट्रीय पुष्प के रूप में सरकार कमल को घोषित करती है तो फिर यह किसी राजनीतिक दल का चुनाव चिन्ह कैसे हो सकता है.
सपा नेता काली शंकर ने कहा कि मामला कोर्ट में है, लेकिन उन्हें पूरी उम्मीद है कि निर्वाचन आयोग कोर्ट को अपने उत्तर से संतुष्ट करने में कामयाब नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक जितने भी चुनाव बीजेपी ने कमल के चुनाव चिन्ह लड़े हैं अगर उनके सिंबल पर कार्रवाई होती है तो सभी निर्वाचन को भी रद्द किया जाना चाहिए.
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