नई दिल्ली: जेएनयू हिंसा के बाद जेएनयू छात्र संगठन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें छात्र संगठन की अध्यक्ष आईशी घोष ने एबीवीपी और जेएनयू प्रशासन पर तीखा हमला बोला. आईशी घोष ने रात के अंधेरे में छात्रों पर लाठी डंडे और रॉड से हुए इस हमले के लिए एबीवीपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही कहा कि इसमें दिल्ली पुलिस और जेएनयू प्रशासन मिला हुआ था जिन्होंने नकाबपोश गुंडों को कैंपस में घुसाया.
जख्मी हालत में सिर पर पट्टी बांधे हुए आईशी घोष प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंची और तीखे लहजे में जेएनयू प्रशासन को चुनौती दी और कहा कि वह हमें कैंपस से निकालना चाहते हैं. वो छात्रों की आवाज को दबाना चाहते हैं. आईशी घोष का कहना था कि कैंपस हमारा घर है और हम अपने घर को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे.
जामिया के बाद जेएनयू में करवाया गया हमला- घोष
सरकार पर हमला बोलते हुए आईशी घोष ने कहा कि इससे पहले जामिया यूनिवर्सिटी में भी छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश की गई. छात्रों को लाइब्रेरी और कैंपस में घुसकर मारा पीटा गया. ठीक इसी प्रकार अब जेएनयू में भी एबीवीपी और आर एस एस के गुंडों ने हॉस्टल में घुसकर तोड़फोड़ की और छात्रों को मारा पीटा.
'वाइस चांसलर को देना चाहिए इस्तीफा'
जेएनयू छात्र संगठन की अध्यक्ष ने कड़े शब्दों में इस हमले को छात्रों के ऊपर अटेम्प्ट टू मर्डर बताया. साथ ही कहा वाइस चांसलर को थोड़ी सी छात्रों के प्रति संवेदना होती तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देते. क्योंकि जिस प्रकार देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में गुंडों ने लोहे की रॉड, लाठी-डंडे, हथौड़े से छात्रों को मारा-पीटा उन्हें गाली दी. ऐसे में वाइस चांसलर को अब तक इस्तीफा दे देना चाहिए था.