नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 10 महीने बाद दिल्ली में मंगलवार से स्कूल खुल रहे हैं. सरकार के जरिए जारी गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल खुलने की स्थिति में सिर्फ 10वीं और 12वीं के क्लास के छात्र-छात्राएं ही स्कूल आएंगे. इसके पीछे वजह यह है कि अगले कुछ महीनों में 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं. ऐसे में उनकी पढ़ाई और तैयारी ठीक से हो, इसलिए दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है.
स्कूल खोलने के नियम किए अनिवार्य
दिल्ली के पुष्प विहार में स्थित बॉयज एंड गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल रोशन लाल ने बताया कि हमने अभी क्लासें दो मीटिंग में चलाई हैं. मोर्निंग और इवनिंग में स्कूल में एंट्री से पहले बच्चें को अपने माता-पिता से एक पत्र लेकर आना होगा, जिसमें उनकी सहमती होगी तभी स्कूल में एंट्री दी जाएगी.
इसके अलावा उन्होंने कहा है कि बच्चों को अपने मुह पर लगे मास्क के साथ ही एंट्री दी जाएगी और उनके पास सैनिटाइजर भी होना चाहिए. इसके लिए हर क्लास को सैनेटाइज किया गया है. सुबह की मीटिंग की क्लास खत्म होने के बाद उस रुम को पूरी तरह से सैनेटाइज किया जाएगा. हर क्लास में 15-15 बच्चों को सीटिंग प्लान के जरिए कोरोना के सभी निर्देषों को पालन करते हुए सामाजिक दूरी का पालन भी करवाया जाएगा.
छात्रों में खुशी की लहर
वहीं स्कूल में आ रहे छात्रों का कहना है कि इतने दिन बाद स्कूल खुल रहे है 'हमें काफी अच्छा लग रहा है'. स्कूल बंद होनें से हमारी पढ़ाई का भी काफी नुकसान हुआ है. ऑनलाइन क्लास तो चल रही थी, पर जो टीचर बैठाकर सीखता है. उसमें कुछ अलग ही बात होती है
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ऑनलाइन क्लास से पढ़ाई ठीक ठंग से नहीं हो पाती थी. अब स्कूल खुले हैं तो हमें काफी खुशी हो रही है और हम रोज स्कूल आ सकते हैं. बोर्ड की परिक्षाए भी आने वाली है, इसलिए स्कूल खुलने से हमे काफी खुशी हुई है.