नई दिल्ली: फूड डिलीवरी एग्रीगेटर जोमैटो लिमिटेड को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय, पुणे जोनल यूनिट से कारण बताओ नोटिस मिला है. इस बात की जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई है. इस पर जोमैटो ने भी अपनी ओर से बात रखी है. जोमैटो ने एक्सचेज फाइलिंग में कहा कि यह हमारे बाहरी कानूनी और टैक्स सलाहकारों की राय से भी समर्थित है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह नोटिस का उचित जवाब दाखिल करेंगे. हालांकि, कंपनी ने इस बात पर जोर डाला है कि कंपनी के खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई आदेश पारित नहीं किया गया है. उन्होंने यह खुलासा सिर्फ टैक्स की राशि को देखते हुए सावधानी के तौर पर किया है. जोमैटो का मानना है कि योग्यता के आधार पर उसका मामला मजबूत है.
क्या है मामला?
जोमैटो को 26 दिसंबर को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय से कारण बताओ नोटिस मिला है. कारण बताओ नोटिस 29 अक्टूबर, 2019 और 31 मार्च, 2022 के बीच की अवधि के लिए ब्याज और जुर्माने के साथ 401.7 करोड़ रुपये की कथित कर देनदारी से संबंधित है. टैक्स की मांग केंद्रीय माल और सेवा टैक्स की धारा 74 (1) के तहत की गई है.
नोटिस में लगाए गए टैक्स राशि 29 अक्टूबर, 2019 और 31 मार्च, 2022 के दौरान डिलीवरी भागीदारों की ओर से ग्राहकों से डिलीवरी शुल्क के रूप में कंपनी द्वारा कलेक्ट की गई राशि पर आधारित है. आज यानी की कारोबरी हफ्ते के चौथे दिन जोमैटो को शेयर 2.48 फीसदी के गिरावट के साथ 123.90 रुपये पर कारोबार कर रहे है.