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येस बैंक-डीएचएफएल घोटाला: ईडी ने बिल्डर भोंसले, छाबड़िया की 415 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

प्रवर्तन निदेशालय ने येस बैंक- दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से संबंधित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के सिलसिले में महाराष्ट्र के बिल्डर अविनाश भोंसले और संजय छाबड़िया की 415 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है.

Yes Bank-DHFL scam
येस बैंक-डीएचएफएल घोटाला
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Published : Aug 3, 2022, 2:24 PM IST

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने येस बैंक- दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से संबंधित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के सिलसिले में महाराष्ट्र के बिल्डर अविनाश भोंसले और संजय छाबड़िया की 415 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. दोनों बिल्डर को संघीय एजेंसी ने मामले की जांच के सिलसिले में जून में हिरासत में लिया था और अभी दोनों ही न्यायिक हिरासत में हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत भोंसले की 164 करोड़ रुपये की संपत्ति, जबकि छाबड़िया की 251 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने के लिए मंगलवार को एक अस्थायी आदेश जारी किया था.

पढ़ें: यस बैंक घोटाला : आरोपी गौतम थापर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली HC में खारिज
ईडी और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर रही है. दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने दो बिल्डर, येस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर-निदेशक कपिल वधावन तथा धीरज वधावन के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज किया है. इस मामले में जहां दोनों वधावन को ईडी ने मई में गिरफ्तार किया था, जबकि कपूर को मार्च में गिरफ्तार किया गया था. ये दोनों भी अभी न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने आरोप लगाया कि राणा कपूर ने येस बैंक लिमिटेड के माध्यम से डीएचएफएल के अल्पकालिक गैर-परिवर्तनीय ‘डिबेंचर’ में 3,700 करोड़ रुपये और डीएचएफएल के ‘मसाला बॉन्ड’ में 283 करोड़ रुपये का निवेश किया.

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने येस बैंक- दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से संबंधित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के सिलसिले में महाराष्ट्र के बिल्डर अविनाश भोंसले और संजय छाबड़िया की 415 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. दोनों बिल्डर को संघीय एजेंसी ने मामले की जांच के सिलसिले में जून में हिरासत में लिया था और अभी दोनों ही न्यायिक हिरासत में हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत भोंसले की 164 करोड़ रुपये की संपत्ति, जबकि छाबड़िया की 251 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने के लिए मंगलवार को एक अस्थायी आदेश जारी किया था.

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ईडी और केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच कर रही है. दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने दो बिल्डर, येस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर-निदेशक कपिल वधावन तथा धीरज वधावन के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज किया है. इस मामले में जहां दोनों वधावन को ईडी ने मई में गिरफ्तार किया था, जबकि कपूर को मार्च में गिरफ्तार किया गया था. ये दोनों भी अभी न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी ने आरोप लगाया कि राणा कपूर ने येस बैंक लिमिटेड के माध्यम से डीएचएफएल के अल्पकालिक गैर-परिवर्तनीय ‘डिबेंचर’ में 3,700 करोड़ रुपये और डीएचएफएल के ‘मसाला बॉन्ड’ में 283 करोड़ रुपये का निवेश किया.

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