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सरकार का दावा- 5 साल में Unemployment सबसे निचले स्तर पर, रोजगार का पैमाना जानकर चौंक जाएंगे

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Published : May 30, 2023, 1:48 PM IST

Updated : May 30, 2023, 2:39 PM IST

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सोमवार को बेरोजगारी दर पर अपनी रिपोर्ट जारी की है. जिसके अनुसार शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate In India) 5 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है, लेकिन NSSO ने इस सर्वेक्षण के लिए क्या पैरामीटर तय किया है, ये जानकर आप चौंक जाएंगे, पढ़ें पूरी खबर...

Unemployment Data
भारत में बेरोजगारी

नई दिल्ली : सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में एक खास वर्ग में बेरोजगारी का आकड़ा कम होते दिखाया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के शहरी क्षेत्रों में इस साल बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 6.8 फीसदी रह गया है. जो कि 5 साल में सबसे कम है. यह बेरोजगारी दर शहरों में काम करने वाले 15 साल और उससे ज्यादा आयु वर्ग के लोगों का है. हालांकि इसमें गौर करने वाली बात ये है कि इस सर्वेक्षण का पैरामीटर क्या है?

कब कितनी रही बेरोजगारी दर
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) के आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इसी तिमाही में शहरी बेरोजगारी 8.3 फीसदी थी, जो अब घटकर 6.8 फीसदी रह गई है. इस तरह देश के शहरों में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च में 2018-19 में इस सर्वेक्षण के अस्तित्व में आने के बाद सबसे कम रही है. वहीं, पिछले साल कोविड के समय जनवरी- मार्च तिमाही में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर थी. सर्वेक्षण के अनुसार पिछले साल जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर में 7.2 फीसदी बेरोजगारी दर थी, वहीं अप्रैल-जून, 2022 में यह 7.6 फीसदी पर थी.

Unemployment Data
एनएसएसओ ने सर्वेक्षण के लिए ये पैरामीटर किया तय

सात दिनों में 1 घंटे भी काम किया तो बेरोजगार नहीं
NSSO ने इस सर्वेक्षण के लिए एक ऐसे व्यक्ति को नियोजित माना है, जो अगर सर्वेक्षण के दिन से पहले सात दिनों के दौरान किसी भी दिन कम से कम एक घंटा काम किया हो तो वह रोजगार माना जाएगा. इसके अलावा एनएसएसओ ने सर्वेक्षण के लिए फर्स्ट- स्टेज सैंपलिंग 5,726 शहरी इकाईयों को चुना. जिसमें 44,982 घरों को शामिल किया गया और इन घरों के लगभग 1,72,089 लोगों पर सर्वे किया गया. हालांकि मीडिया को जारी किए गए प्रेस रिलीज में यह साफ नहीं किया गया है कि ये 44,982 घर किन राज्यों और जिलों के हैं. इन सर्वे के आधार पर यह तय किया गया है कि देश में शहरी बेरोजगारी घट रही है.

बेरोजगारी दर में कमी की ये वजह बताई गई
1. कोरोना के बाद स्टार्टअप और फिनटेक जैसे व्यवसायों का छोटे शहरों तक विस्तार
2. अब महिलाएं भी अपने पैरों पर खड़े होने के लिए आगे आ रहीं और काम करने के लिए उन्हें घर से छूट मिल रही है.
3. शुरुआती स्तर की नौकरियों में तेजी से वृद्धि होने का असर भी बेरोजगारी दर कम करने पर दिखा.
4 . ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के तेजी से प्रसार के चलते भी बेरोजगारी दर में गिरावट देखी गई.

Unemployment Rate
आंकड़ों में बेरोजगारी दर

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सोमवार को जारी राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) के आंकड़ों के अनुसार महिला और पुरुष दोनों वर्गों के बेरोजगारी दर में कमी आई है. जनवरी-मार्च 2023 में महिलाओं में बेरोजगारी 10.1 फीसदी से घटकर 9.2 फीसदी रह गई है. वहीं, पुरुषों में यह दर इस साल पहली तिमाही में कम होकर 6 फीसदी रहा, जो ठीक इससे एक साल पहले 7.7 फीसदी था.

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नई दिल्ली : सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में एक खास वर्ग में बेरोजगारी का आकड़ा कम होते दिखाया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के शहरी क्षेत्रों में इस साल बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 6.8 फीसदी रह गया है. जो कि 5 साल में सबसे कम है. यह बेरोजगारी दर शहरों में काम करने वाले 15 साल और उससे ज्यादा आयु वर्ग के लोगों का है. हालांकि इसमें गौर करने वाली बात ये है कि इस सर्वेक्षण का पैरामीटर क्या है?

कब कितनी रही बेरोजगारी दर
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) के आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इसी तिमाही में शहरी बेरोजगारी 8.3 फीसदी थी, जो अब घटकर 6.8 फीसदी रह गई है. इस तरह देश के शहरों में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च में 2018-19 में इस सर्वेक्षण के अस्तित्व में आने के बाद सबसे कम रही है. वहीं, पिछले साल कोविड के समय जनवरी- मार्च तिमाही में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर थी. सर्वेक्षण के अनुसार पिछले साल जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर में 7.2 फीसदी बेरोजगारी दर थी, वहीं अप्रैल-जून, 2022 में यह 7.6 फीसदी पर थी.

Unemployment Data
एनएसएसओ ने सर्वेक्षण के लिए ये पैरामीटर किया तय

सात दिनों में 1 घंटे भी काम किया तो बेरोजगार नहीं
NSSO ने इस सर्वेक्षण के लिए एक ऐसे व्यक्ति को नियोजित माना है, जो अगर सर्वेक्षण के दिन से पहले सात दिनों के दौरान किसी भी दिन कम से कम एक घंटा काम किया हो तो वह रोजगार माना जाएगा. इसके अलावा एनएसएसओ ने सर्वेक्षण के लिए फर्स्ट- स्टेज सैंपलिंग 5,726 शहरी इकाईयों को चुना. जिसमें 44,982 घरों को शामिल किया गया और इन घरों के लगभग 1,72,089 लोगों पर सर्वे किया गया. हालांकि मीडिया को जारी किए गए प्रेस रिलीज में यह साफ नहीं किया गया है कि ये 44,982 घर किन राज्यों और जिलों के हैं. इन सर्वे के आधार पर यह तय किया गया है कि देश में शहरी बेरोजगारी घट रही है.

बेरोजगारी दर में कमी की ये वजह बताई गई
1. कोरोना के बाद स्टार्टअप और फिनटेक जैसे व्यवसायों का छोटे शहरों तक विस्तार
2. अब महिलाएं भी अपने पैरों पर खड़े होने के लिए आगे आ रहीं और काम करने के लिए उन्हें घर से छूट मिल रही है.
3. शुरुआती स्तर की नौकरियों में तेजी से वृद्धि होने का असर भी बेरोजगारी दर कम करने पर दिखा.
4 . ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के तेजी से प्रसार के चलते भी बेरोजगारी दर में गिरावट देखी गई.

Unemployment Rate
आंकड़ों में बेरोजगारी दर

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सोमवार को जारी राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) के आंकड़ों के अनुसार महिला और पुरुष दोनों वर्गों के बेरोजगारी दर में कमी आई है. जनवरी-मार्च 2023 में महिलाओं में बेरोजगारी 10.1 फीसदी से घटकर 9.2 फीसदी रह गई है. वहीं, पुरुषों में यह दर इस साल पहली तिमाही में कम होकर 6 फीसदी रहा, जो ठीक इससे एक साल पहले 7.7 फीसदी था.

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Last Updated : May 30, 2023, 2:39 PM IST
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