नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट भाषण 86 मिनट में समाप्त किया. इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में नौ बार अमृत काल का जिक्र किया. अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि यह बजट महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अमृत काल साबित होगा. उन्होंने बाद में कहा कि 'अमृत काल' का पहला बजट विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने का आधार प्रदान करेगा.
पीएम मोदी ने बताया क्या है अमृत काल का पहला बजट
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्रीय बजट को 'अमृत काल का पहला बजट' (2022 से 2047 तक 25 साल की अवधि, जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा) के रूप में वर्णित किया, जो एक विकसित भारत के लिए एक मजबूत नींव रखेगा. केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा- अमृत काल का पहला बजट विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव रखेगा. यह वंचितों को प्राथमिकता देता है. यह बजट गरीब लोगों, मध्यम वर्ग और किसानों सहित एक आकांक्षी समाज के सपनों को पूरा करेगा. मैं इस ऐतिहासिक बजट के लिए निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को बधाई देता हूं. मोदी ने मध्यम वर्ग को बड़ी ताकत बताया और कहा कि सरकार ने उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई फैसले किए हैं.
अमृत काल शब्द की उत्पति वैदिक ज्योतिष से हुआ है. अमृत काल शब्द वह खास समय है, जब अमानवीय, देवदूतों और मनुष्यों के लिए अधिक से अधिक सुख के द्वार खुलते हैं. अमृत काल को नया काम शुरू करने के लिए सबसे बेहतर समय माना जाता है. एक तरह से कह सकते हैं कि यह कोई काम करने के लिए सबसे शुभ मुहर्त होता है.
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