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Cough Syrups: भारतीय कप सिरप को लेकर सरकार ने उठाया बड़ा कदम, 1 जून से नया नियम लागू - Testing of Cup Syrup

भारतीय कप सिरप (Cough Syrups) की गुणवक्ता पर उठते सवालों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है (Cup Syrup Testing Mandatory). ये नया नियम इसी साल 1 जून से लागू हो जाएगा. क्या है नया नियम जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर....

Cough Syrups
भारतीय कप सिरप
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Published : May 23, 2023, 1:13 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय कप सिरप पर विदेशों में उठ रहे सवालों को लेकर अब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत देश में बन रहे कप सिरप को विदेशों में निर्यात करने से पहले सरकारी प्रयोगशालाओं में टेस्ट किया जाएगा. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि विदेशों में निर्यात किए जाने वाले प्रोडक्ट के सैंपल का लैब में टेस्ट करने के बाद ही कफ सिरप को निर्यात करने की इजाजत मिलेगी. ये नई व्यवस्था 1 जून से लागू हो जाएगी. सभी दवा कंपनियों को इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की हुई थी मौत
आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से विदेशों में भारतीय कप सिपर की गुणवक्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. जिसके एवज में सरकार ने अब यह कदम उठाया है. दरअसल पिछले साल गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में कथित तौर भारत में बने कप सिरप पीने से बच्चों की मौत हो गई थी. यह आकड़ा गाम्बिया में 66 और उज्बेकिस्तान में 18 बताई जाती है. इन देशों ने भारत-निर्मित कफ सिरप को कथित तौर पर दोषी बताया ठहराया था. हालांकि मामले की जांच में कुछ भी साफ नहीं हो पाया था.

  • Cough syrup shall be permitted to be exported subject to the export sample being tested and production of Certificate of Analysis (CoA): Directorate General of Foreign Trade pic.twitter.com/rCXy2KRuoC

    — ANI (@ANI) May 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरकारी लैब में टेस्ट की अनिवार्यता
बहरहाल, सरकार ने उस घटना से सबक लेते हुए लैब टेस्टिंग का कदम उठाया है. जिसके तहत सरकारी लैब में टेस्ट की अनिवार्यता के बाद घटिया क्वालिटी की दवाओं और कफ सिरप की पहचान की जाएगी. टेस्ट में अगर कोई प्रोडक्ट किसी भी गुणवत्ता में खरा नहीं उतरता है तो उसे विदेश नहीं भेजा जा सकेगा. साथ ही उसका प्रोडक्शन भी रोका जा सकता है. ध्यान दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत के चार कफ और कोल्ड सिरप को लेकर बीते साल अलर्ट जारी किया था.

कप सिरप का टेस्ट कहां होगा
समाचार एजेंसी पीटीआई को एक अधिकारी ने बताया कि भारत से निर्यात किए जाने वाले मेडिकल प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने निर्यात के पहले कफ सिरप की गुणवत्ता परखने का फैसला किया है. यह परीक्षण भारतीय औषधि संहिता आयोग, क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं और एनएबीएल से मान्यता-प्राप्त औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं में किया जा सकेगा. आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से 17 अरब डॉलर के कफ सिरप निर्यात किए गए थे यानी विदेशों में भेजे गए थे. जो कि वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 17.6 अरब डॉलर की राशि हो गई.

पढ़ें : पंजाब में बनी कफ सिरप को WHO ने बताया नकली, कंपनी ने दी सफाई

नई दिल्ली : भारतीय कप सिरप पर विदेशों में उठ रहे सवालों को लेकर अब सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत देश में बन रहे कप सिरप को विदेशों में निर्यात करने से पहले सरकारी प्रयोगशालाओं में टेस्ट किया जाएगा. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि विदेशों में निर्यात किए जाने वाले प्रोडक्ट के सैंपल का लैब में टेस्ट करने के बाद ही कफ सिरप को निर्यात करने की इजाजत मिलेगी. ये नई व्यवस्था 1 जून से लागू हो जाएगी. सभी दवा कंपनियों को इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की हुई थी मौत
आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से विदेशों में भारतीय कप सिपर की गुणवक्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. जिसके एवज में सरकार ने अब यह कदम उठाया है. दरअसल पिछले साल गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में कथित तौर भारत में बने कप सिरप पीने से बच्चों की मौत हो गई थी. यह आकड़ा गाम्बिया में 66 और उज्बेकिस्तान में 18 बताई जाती है. इन देशों ने भारत-निर्मित कफ सिरप को कथित तौर पर दोषी बताया ठहराया था. हालांकि मामले की जांच में कुछ भी साफ नहीं हो पाया था.

  • Cough syrup shall be permitted to be exported subject to the export sample being tested and production of Certificate of Analysis (CoA): Directorate General of Foreign Trade pic.twitter.com/rCXy2KRuoC

    — ANI (@ANI) May 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरकारी लैब में टेस्ट की अनिवार्यता
बहरहाल, सरकार ने उस घटना से सबक लेते हुए लैब टेस्टिंग का कदम उठाया है. जिसके तहत सरकारी लैब में टेस्ट की अनिवार्यता के बाद घटिया क्वालिटी की दवाओं और कफ सिरप की पहचान की जाएगी. टेस्ट में अगर कोई प्रोडक्ट किसी भी गुणवत्ता में खरा नहीं उतरता है तो उसे विदेश नहीं भेजा जा सकेगा. साथ ही उसका प्रोडक्शन भी रोका जा सकता है. ध्यान दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत के चार कफ और कोल्ड सिरप को लेकर बीते साल अलर्ट जारी किया था.

कप सिरप का टेस्ट कहां होगा
समाचार एजेंसी पीटीआई को एक अधिकारी ने बताया कि भारत से निर्यात किए जाने वाले मेडिकल प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने निर्यात के पहले कफ सिरप की गुणवत्ता परखने का फैसला किया है. यह परीक्षण भारतीय औषधि संहिता आयोग, क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं और एनएबीएल से मान्यता-प्राप्त औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं में किया जा सकेगा. आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से 17 अरब डॉलर के कफ सिरप निर्यात किए गए थे यानी विदेशों में भेजे गए थे. जो कि वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 17.6 अरब डॉलर की राशि हो गई.

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