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कर संग्रह ₹27.07 लाख करोड़ पर पहुंचा, कर-जीडीपी अनुपात 23 साल के उच्च स्तर पर - कर-जीडीपी अनुपात

देश में कुल कर संग्रह बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 34 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 27.07 लाख करोड़ रुपए रहा. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल से कुल संग्रह बढ़ा है. इससे कर-जीडीपी अनुपात 23 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया.

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Published : Apr 8, 2022, 10:11 PM IST

नई दिल्ली : देश में कुल कर संग्रह बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 34 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 27.07 लाख करोड़ रुपए ( 34% To Rs 27.07 lakh crore ) रहा. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल से कुल संग्रह बढ़ा है. इससे कर-जीडीपी अनुपात 23 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया. राजस्व सचिव तरूण बजाज ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. कर-जीडीपी अनुपात बढ़कर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया. यह 1999 के बाद सर्वाधिक है. यह अनुपात 2020-21 में 10.3 प्रतिशत था.

उन्होंने कहा कि जीडीपी में बदलाव और सरकार के राजस्व में वृद्धि में परिवर्तन (टैक्स बॉयोन्सी) करीब दो रहा है. यानी कर संग्रह में वृद्धि बाजार मूल्य पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के मुकाबले दोगुनी रही है. बजाज ने संवाददाताओं से कहा कि कई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है. जीएसटी आंकड़ों का मिलान आयकर आंकड़ों से किया जा रहा है तथा अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. इसके कारण बेहतर अनुपालन और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों मोर्चों पर बेहतर राजस्व सुनिश्चित हुआ है.

पढ़ें: प्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-22 में 48% बढ़ा, अग्रिम कर भुगतान में 41% का इजाफा

उन्होंने कहा कि सकल कर संग्रह अप्रैल 2021 से मार्च 2022 में 27.07 लाख करोड़ रुपए रहा. यह बजट में जताए गए 22.17 लाख करोड़ रुपए के अनुमान से 5 लाख करोड़ रुपए अधिक है. कुल कर संग्रह 2021-22 में इससे पिछले वित्त वर्ष के 20.27 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 34 प्रतिशत अधिक है. प्रत्यक्ष कर संग्रह इस दौरान 49 प्रतिशत उछलकर 14.10 लाख करोड़ रुपए रहा. प्रत्यक्ष कर के अंतर्गत व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर आता है. बजाज ने कहा कि प्रत्यक्ष कर में यह वृद्धि संभवत: लंबे समय बाद सर्वाधिक है.

प्रत्यक्ष कर मद में कंपनी कर 56.1 प्रतिशत बढ़कर 8.58 लाख करोड़ रुपए जबकि व्यक्तिगत आयकर संग्रह 43 प्रतिशत बढ़कर करीब 7.49 लाख करोड़ रुपए रहा. वित्त वर्ष के दौरान 2.43 इकाइयों को 2.24 लाख करोड़ रुपए आयकर वापस किए गए. उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क समेत अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-2 में 20 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपए रहा. बजट में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 11.02 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया था. अप्रत्यक्ष कर मद में सीमा शुल्क संग्रह 2021-22 में 48 प्रतिशत बढ़कर 1.99 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा. वहीं केंद्रीय जीएसटी (माल एवं सेवा कर) और उपकर 30 प्रतिशत बढ़कर 6.95 लाख करोड़ रुपए रहा. उत्पाद शुल्क संग्रह हालांकि 0.2 प्रतिशत घटकर 3.90 लाख करोड़ रुपए रहा. बजाज के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह, अप्रत्यक्ष कर से अधिक रहा है और मुझे उम्मीद है कि यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी.

नई दिल्ली : देश में कुल कर संग्रह बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 34 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 27.07 लाख करोड़ रुपए ( 34% To Rs 27.07 lakh crore ) रहा. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल से कुल संग्रह बढ़ा है. इससे कर-जीडीपी अनुपात 23 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया. राजस्व सचिव तरूण बजाज ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. कर-जीडीपी अनुपात बढ़कर 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया. यह 1999 के बाद सर्वाधिक है. यह अनुपात 2020-21 में 10.3 प्रतिशत था.

उन्होंने कहा कि जीडीपी में बदलाव और सरकार के राजस्व में वृद्धि में परिवर्तन (टैक्स बॉयोन्सी) करीब दो रहा है. यानी कर संग्रह में वृद्धि बाजार मूल्य पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के मुकाबले दोगुनी रही है. बजाज ने संवाददाताओं से कहा कि कई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है. जीएसटी आंकड़ों का मिलान आयकर आंकड़ों से किया जा रहा है तथा अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. इसके कारण बेहतर अनुपालन और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों मोर्चों पर बेहतर राजस्व सुनिश्चित हुआ है.

पढ़ें: प्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-22 में 48% बढ़ा, अग्रिम कर भुगतान में 41% का इजाफा

उन्होंने कहा कि सकल कर संग्रह अप्रैल 2021 से मार्च 2022 में 27.07 लाख करोड़ रुपए रहा. यह बजट में जताए गए 22.17 लाख करोड़ रुपए के अनुमान से 5 लाख करोड़ रुपए अधिक है. कुल कर संग्रह 2021-22 में इससे पिछले वित्त वर्ष के 20.27 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 34 प्रतिशत अधिक है. प्रत्यक्ष कर संग्रह इस दौरान 49 प्रतिशत उछलकर 14.10 लाख करोड़ रुपए रहा. प्रत्यक्ष कर के अंतर्गत व्यक्तिगत आयकर और कंपनी कर आता है. बजाज ने कहा कि प्रत्यक्ष कर में यह वृद्धि संभवत: लंबे समय बाद सर्वाधिक है.

प्रत्यक्ष कर मद में कंपनी कर 56.1 प्रतिशत बढ़कर 8.58 लाख करोड़ रुपए जबकि व्यक्तिगत आयकर संग्रह 43 प्रतिशत बढ़कर करीब 7.49 लाख करोड़ रुपए रहा. वित्त वर्ष के दौरान 2.43 इकाइयों को 2.24 लाख करोड़ रुपए आयकर वापस किए गए. उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क समेत अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2021-2 में 20 प्रतिशत बढ़कर 12.90 लाख करोड़ रुपए रहा. बजट में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 11.02 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया था. अप्रत्यक्ष कर मद में सीमा शुल्क संग्रह 2021-22 में 48 प्रतिशत बढ़कर 1.99 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा. वहीं केंद्रीय जीएसटी (माल एवं सेवा कर) और उपकर 30 प्रतिशत बढ़कर 6.95 लाख करोड़ रुपए रहा. उत्पाद शुल्क संग्रह हालांकि 0.2 प्रतिशत घटकर 3.90 लाख करोड़ रुपए रहा. बजाज के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह, अप्रत्यक्ष कर से अधिक रहा है और मुझे उम्मीद है कि यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी.

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