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Tata to buy Bisleri : बिसलेरी बिकने को तैयार, अंतिम चरण में बातचीत - parle bisleri

बोतलबंद पानी बेचने वाली कंपनी बिसलेरी बिकने को तैयार है. कंपनी के मालिक ने इसकी पुष्टि कर दी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिसलेरी को टाटा खरीद सकती है. बातचीत अंतिम चरण में है. इसकी अनुमानित लागत 7000 करोड़ बताई जा रही है. कंपनी के मालिक ने बताया कि क्योंकि उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है, लिहाजा वह इसे बेच रहे हैं.

bisler, concept photo
बिसलेरी, कॉन्सेप्ट फोटो
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Published : Nov 24, 2022, 7:26 PM IST

Updated : Nov 24, 2022, 8:36 PM IST

नई दिल्ली : रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) को अनुमानित 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये में बेच रहे हैं. एक अंग्रेजी अखबार ने यह जानकारी दी है. सौदे के हिस्से के रूप में वर्तमान प्रबंधन दो साल तक जारी रहेगा. 82 वर्षीय चौहान का हाल के दिनों में खराब स्वास्थ्य रहा है और उनका कहना है कि बिसलेरी को विस्तार के अगले स्तर पर ले जाने के लिए उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है. चौहान ने कहा कि बेटी जयंती कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती. बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी है. चौहान ने कहा कि टाटा ग्रुप इसका और भी बेहतर तरीके से पालन पोषण और देखभाल करेगा, हालांकि बिसलेरी को बेचना अभी भी एक 'दर्दनाक' निर्णय था.

कहा जाता है कि रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डेनोन सहित बिसलेरी के पास अलग-अलग समय में कई दावेदार थे. टाटा के साथ बातचीत दो साल से चल रही थी और उन्होंने कुछ महीने पहले टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनील डिसूजा से मुलाकात के बाद अपना मन बना लिया था. उन्होंने इकोनोमिक टाइम्स को बताया, 'मुझे वे पसंद हैं. वे अच्छे लोग हैं.'

कारोबार बेचने के बाद चौहान को अल्पसंख्यक हिस्सेदारी रखने का कोई मतलब नजर नहीं आता. उन्होंने कहा, 'जब मैं शो नहीं चला रहा हूं तो मैं इसका क्या करूंगा ?' जानेमाने उद्योगपति रमेश चौहान ने गुरुवार को कहा कि वह अपने बोतलबंद पानी के कारोबार बिसलेरी इंटरनेशनल को बेचने के लिए खरीदार की तलाश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए टाटा कंज्यूमर समेत कई कंपनियों से बातचीत चल रही है.

टाटा समूह की कंपनी ने भी शेयर बाजारों को सूचित किया है कि उसकी बिसलेरी इंटरनेशनल से बात चल रही है. चौहान ने बिसलेरी को बेचने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'हां, हम बेच रहे हैं. समूह की कई संभावित खरीदारों से बात चल रही है.' उनसे जब यह पूछा गया कि क्या वह टाटा समूह की कंपनी को कारोबार बेच रहे हैं, इस पर चौहान ने कहा, 'अभी हमारी बात चल रही है.'

इस बीच टीपीसीएल ने कहा है कि वह दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए उचित घोषणाएं करेगी. बिसलेरी कारोबार को बेचने के पीछे क्या कारण हैं, जब यह पूछा गया तो चौहान ने कहा कि किसी को तो इसे संभालना होगा. दरअसल उनकी बेटी जयंती की दिलचस्पी कारोबार को संभालने में नहीं है. बिसलेरी इंटरनेशनल के प्रवक्ता ने बाद में बयान में कहा, 'अभी हमारी बात चल रही है, इससे अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती है.'

ये भी पढ़ें : बिसलेरी ने शुरू की ग्राहकों के घर तक बोतल बंद पेय जल आपूर्ति

चौहान ने तीन दशक पहले 1993 में, अपने सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार को अमेरिकी पेय पदार्थ कंपनी कोका-कोला को बेच दिया था, जिसमें थम्स अप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माजा और लिम्का जैसे ब्रांड शामिल थे. चौहान 2016 में फिर से सॉफ्ट ड्रिंक के कारोबार में उतरे लेकिन उनके उत्पाद बिसलेरी पॉप को उतनी सफलता नहीं मिली. बिसलेरी और टीसीपीएल के बीच करार हो जाता है तो बोतलबंद पानी के बाजार में वह अग्रणी कंपनी बन जाएगी. टीपीसीएल का बोतलबंद पानी का ब्रांड हिमालयन पहले से बाजार में मौजूद है.

(PTI)

नई दिल्ली : रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) को अनुमानित 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये में बेच रहे हैं. एक अंग्रेजी अखबार ने यह जानकारी दी है. सौदे के हिस्से के रूप में वर्तमान प्रबंधन दो साल तक जारी रहेगा. 82 वर्षीय चौहान का हाल के दिनों में खराब स्वास्थ्य रहा है और उनका कहना है कि बिसलेरी को विस्तार के अगले स्तर पर ले जाने के लिए उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है. चौहान ने कहा कि बेटी जयंती कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती. बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाटर कंपनी है. चौहान ने कहा कि टाटा ग्रुप इसका और भी बेहतर तरीके से पालन पोषण और देखभाल करेगा, हालांकि बिसलेरी को बेचना अभी भी एक 'दर्दनाक' निर्णय था.

कहा जाता है कि रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डेनोन सहित बिसलेरी के पास अलग-अलग समय में कई दावेदार थे. टाटा के साथ बातचीत दो साल से चल रही थी और उन्होंने कुछ महीने पहले टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनील डिसूजा से मुलाकात के बाद अपना मन बना लिया था. उन्होंने इकोनोमिक टाइम्स को बताया, 'मुझे वे पसंद हैं. वे अच्छे लोग हैं.'

कारोबार बेचने के बाद चौहान को अल्पसंख्यक हिस्सेदारी रखने का कोई मतलब नजर नहीं आता. उन्होंने कहा, 'जब मैं शो नहीं चला रहा हूं तो मैं इसका क्या करूंगा ?' जानेमाने उद्योगपति रमेश चौहान ने गुरुवार को कहा कि वह अपने बोतलबंद पानी के कारोबार बिसलेरी इंटरनेशनल को बेचने के लिए खरीदार की तलाश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए टाटा कंज्यूमर समेत कई कंपनियों से बातचीत चल रही है.

टाटा समूह की कंपनी ने भी शेयर बाजारों को सूचित किया है कि उसकी बिसलेरी इंटरनेशनल से बात चल रही है. चौहान ने बिसलेरी को बेचने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'हां, हम बेच रहे हैं. समूह की कई संभावित खरीदारों से बात चल रही है.' उनसे जब यह पूछा गया कि क्या वह टाटा समूह की कंपनी को कारोबार बेच रहे हैं, इस पर चौहान ने कहा, 'अभी हमारी बात चल रही है.'

इस बीच टीपीसीएल ने कहा है कि वह दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए उचित घोषणाएं करेगी. बिसलेरी कारोबार को बेचने के पीछे क्या कारण हैं, जब यह पूछा गया तो चौहान ने कहा कि किसी को तो इसे संभालना होगा. दरअसल उनकी बेटी जयंती की दिलचस्पी कारोबार को संभालने में नहीं है. बिसलेरी इंटरनेशनल के प्रवक्ता ने बाद में बयान में कहा, 'अभी हमारी बात चल रही है, इससे अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती है.'

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चौहान ने तीन दशक पहले 1993 में, अपने सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार को अमेरिकी पेय पदार्थ कंपनी कोका-कोला को बेच दिया था, जिसमें थम्स अप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माजा और लिम्का जैसे ब्रांड शामिल थे. चौहान 2016 में फिर से सॉफ्ट ड्रिंक के कारोबार में उतरे लेकिन उनके उत्पाद बिसलेरी पॉप को उतनी सफलता नहीं मिली. बिसलेरी और टीसीपीएल के बीच करार हो जाता है तो बोतलबंद पानी के बाजार में वह अग्रणी कंपनी बन जाएगी. टीपीसीएल का बोतलबंद पानी का ब्रांड हिमालयन पहले से बाजार में मौजूद है.

(PTI)

Last Updated : Nov 24, 2022, 8:36 PM IST
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