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शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला थमा, सेंसेक्स 327 अंक चढ़ा

शेयर बाजारों में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट का सिलसिला सोमवार को थम गया और सेंसेक्स ने 326.84 अंक के साथ छलांग लगाई. सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), इंडसइंड बैंक, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, पावरग्रिड और एसबीआई को खासा फायदा हुआ.

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Published : Jul 4, 2022, 8:05 PM IST

मुंबई : निवेशकों के समर्थन से स्थानीय शेयर बाजारों में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट का सिलसिला सोमवार को थम गया और मानक सूचकांक सेंसेक्स 326.84 अंक की छलांग लगाने में सफल रहा. बैंकिंग, एफएमसीजी और आईटी कंपनियों के शेयरों में ज्यादा लिवाली देखी गई. हालांकि, डॉलर के मुकाबले रुपये के अस्थिर प्रदर्शन और विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से बाजार की तेजी पर कुछ अंकुश लगा.

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स घरेलू निवेशकों से मिले समर्थन से 326.84 अंक यानी 0.62 प्रतिशत बढ़कर 53,234.77 अंक पर पहुंच गया. कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स ने 394.06 अंक यानी 0.74 प्रतिशत तक की बढ़त ले ली थी. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी कारोबार के अंत में 83.30 अंक यानी 0.53 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,835.35 अंक पर बंद हुआ.

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), इंडसइंड बैंक, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, पावरग्रिड और एसबीआई को खासा फायदा हुआ. सर्वाधिक 4.03 प्रतिशत के लाभ में एचयूएल रही. हालांकि, टीसीएस, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, डॉ रेड्डीज, टेक महिंद्रा और विप्रो के शेयर नुकसान में रहे. इनके अलावा सेंसेक्स की बाकी सभी 24 कंपनियां मुनाफे में रहीं. व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 0.82 प्रतिशत की बढ़त पर रहा. इसी तरह स्मॉलकैप में भी 0.59 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.

कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, 'कच्चे तेल में गिरावट और यूरोपीय बाजार में मजबूती से घरेलू निवेशकों में लिवाली का रुख देखा गया. इसके बावजूद विदेशी निवेशकों के बिकवाल बने रहने से बाजार में नरमी एवं उतार-चढ़ाव की धारणा बनी रहेगी.' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'कंपनियों के तिमाही नतीजों के नए सत्र की तरफ कदम बढ़ाने के साथ बाजार का ध्यान मुख्य रूप से आमदनी के आंकड़ों पर रहेगा.'

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त पर रहे, जबकि दक्षिण कोरिया के कॉस्पी और हांगकांग के हैंगसेंग में नुकसान रहा. यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में सकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहे थे. अमेरिका में बाजार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बंद रहे. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.50 प्रतिशत गिरकर 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में नरमी का सिलसिला जारी है. हालांकि, इसने शुरुआती कारोबार में हुए नुकसान की भरपाई अंतिम सत्र में कर ली और 78.94 के भाव पर अपरिवर्तित बना रहा. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का पूंजी बाजार में बिकवाली का सिलसिला कायम है. शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 2,324.74 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.

मुंबई : निवेशकों के समर्थन से स्थानीय शेयर बाजारों में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट का सिलसिला सोमवार को थम गया और मानक सूचकांक सेंसेक्स 326.84 अंक की छलांग लगाने में सफल रहा. बैंकिंग, एफएमसीजी और आईटी कंपनियों के शेयरों में ज्यादा लिवाली देखी गई. हालांकि, डॉलर के मुकाबले रुपये के अस्थिर प्रदर्शन और विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से बाजार की तेजी पर कुछ अंकुश लगा.

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स घरेलू निवेशकों से मिले समर्थन से 326.84 अंक यानी 0.62 प्रतिशत बढ़कर 53,234.77 अंक पर पहुंच गया. कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स ने 394.06 अंक यानी 0.74 प्रतिशत तक की बढ़त ले ली थी. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी कारोबार के अंत में 83.30 अंक यानी 0.53 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,835.35 अंक पर बंद हुआ.

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल), इंडसइंड बैंक, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, पावरग्रिड और एसबीआई को खासा फायदा हुआ. सर्वाधिक 4.03 प्रतिशत के लाभ में एचयूएल रही. हालांकि, टीसीएस, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, डॉ रेड्डीज, टेक महिंद्रा और विप्रो के शेयर नुकसान में रहे. इनके अलावा सेंसेक्स की बाकी सभी 24 कंपनियां मुनाफे में रहीं. व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप 0.82 प्रतिशत की बढ़त पर रहा. इसी तरह स्मॉलकैप में भी 0.59 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.

कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, 'कच्चे तेल में गिरावट और यूरोपीय बाजार में मजबूती से घरेलू निवेशकों में लिवाली का रुख देखा गया. इसके बावजूद विदेशी निवेशकों के बिकवाल बने रहने से बाजार में नरमी एवं उतार-चढ़ाव की धारणा बनी रहेगी.' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'कंपनियों के तिमाही नतीजों के नए सत्र की तरफ कदम बढ़ाने के साथ बाजार का ध्यान मुख्य रूप से आमदनी के आंकड़ों पर रहेगा.'

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त पर रहे, जबकि दक्षिण कोरिया के कॉस्पी और हांगकांग के हैंगसेंग में नुकसान रहा. यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में सकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहे थे. अमेरिका में बाजार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बंद रहे. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.50 प्रतिशत गिरकर 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में नरमी का सिलसिला जारी है. हालांकि, इसने शुरुआती कारोबार में हुए नुकसान की भरपाई अंतिम सत्र में कर ली और 78.94 के भाव पर अपरिवर्तित बना रहा. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का पूंजी बाजार में बिकवाली का सिलसिला कायम है. शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को 2,324.74 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.

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