मुंबई : उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में स्थानीय शेयर बाजार मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए. सेंसेक्स में जहां 106 अंक की गिरावट आई वहीं निफ्टी 61.80 अंक टूट गया. विश्लेषकों के मुताबिक, अमेरिकी बाजारों के साल के सबसे निचले स्तर पर रहने और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से घरेलू बाजारों पर दबाव देखा गया.
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स दिन में कारोबार के दौरान 54,857.02 के ऊंचे स्तर और 54,226.33 अंक के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में 105.82 अंक यानी 0.19 प्रतिशत के नुकसान के साथ 54,364.85 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 61.80 अंक यानी 0.38 फीसदी की गिरावट के साथ 16,240.05 अंक पर आ गया. सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टाटा स्टील, सन फार्मा, एनटीपीसी, टाइटन, बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और आईटीसी नुकसान में रहीं. वहीं हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति सुजुकी, कोटक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के शेयर लाभ में रहे.
डॉलर के मुकाबले रुपये में 12 पैसे का सुधार
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और क्षेत्रीय मुद्राओं में सुधार के बीच दो दिन से जारी गिरावट का सिलसिला तोड़ते हुए मंगलवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 12 पैसे बढ़कर 77.32 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी से हालांकि रुपये की बढ़त सीमित रही. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूती के साथ 77.27 के भाव पर खुला और कारोबार के दौरान 77.20 से 77.45 प्रति डॉलर के बीच झूलने के बाद अंत में 12 पैसे की बढ़त के साथ 77.32 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
पिछले कारोबारी दिवस रुपया 54 पैसे लुढ़ककर 77.44 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, 'कुछ दिन की बिकवाली के बाद जोखिम धारणा में स्थिरता से स्थानीय मुद्रा को मदद मिल सकती है जबकि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और घरेलू बाजारों में निकासी का रुपया पर नकरात्मक असर पड़ेगा.'
यह भी पढ़ें- LIC IPO : सरकार ने हासिल किया लक्ष्य, मिले 21,000 करोड़ रुपये
क्रूड तेल की कीमतों में गिरावट
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 104.72 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. वहीं, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.03 प्रतिशत की मजबूती लेकर 103.68 पर पहुंच गया.