नई दिल्ली : भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) अपनी इक्विटी पूंजी का विस्तार करने के लिए अगले वित्त वर्ष में राइट्स इश्यू से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है. सिडबी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. सिडबी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिवसुब्रमण्यम रमण ने कहा कि प्रस्तावित राइट्स इश्यू अगले वित्त वर्ष में 5,000-5000 करोड़ रुपये की दो किस्तों में आएगा. इसका मकसद पूंजी आधार को 10,000 करोड़ रुपये तक विस्तारित करना और बढ़ते बही-खाते का समर्थन करना है, जिसके मौजूदा से एक-चौथाई बढ़ने की उम्मीद है.
सिडबी के शेयर इन बड़ी कंपनियों के पास
बता दें, सिडबी में केंद्र सरकार की 20.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि भारतीय स्टेट बैंक की 15.65 प्रतिशत और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की 13.33 प्रतिशत हिस्सेदारी है. शेष हिस्सेदारी अन्य सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों और बैंकों के पास है.
रमण ने सप्ताहांत में कहा-
‘हमने हाल ही में पूंजी जुटाने के लिए वित्तीय सेवा विभाग का रुख किया है. इसके बाद उन्होंने संसद की स्थायी समिति का रुख किया, जिसने हमें अगले वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी सहायता का सुझाव दिया है. इससे हम MSME (सूक्ष्म, लघु व मझोले) उद्यमों को अधिक कर्ज सहायता प्रदान कर सकेंगे.’
वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सिडबी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 2021-22 के 24.28 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 19.29 प्रतिशत पर आ गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पूंजी के दक्ष इस्तेमाल से सीएआर में गिरावट आई है. जून, 2023 की तिमाही में यह और घटकर 15.63 प्रतिशत रह गया है.