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पिछले नौ साल में बढ़ता ही रहा है सेंसेक्स की तेजी का ग्राफ, जानें कैसा रहा 28000 से 71000 पहुंचने का सफर

37 Year Journey of Indian Share Market- भारतीय शेयर बाजार सूचकांक बीएसई सेंसेक्स ने अपनी स्थापना के बाद से काफी लंबा सफर तय किया है. जनवरी 1986 में अपने शुरूआत से लेकर लगभग 550 अंकों के व्यापारिक स्तर के साथ, आज 2023 में 71,000 अंकों से अधिक के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर तक पहुंच गया है. आइये इसके 37 सालों के सफर को जानते है. पढ़ें पूरी खबर...

Journey of Indian Share Market
सेंसेक्स का ग्राफ
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 15, 2023, 12:41 PM IST

Updated : Dec 15, 2023, 3:42 PM IST

मुंबई: सेंसेक्स हर दिन अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर जा रहा है. साल 2023 के आखिरी महीने में कारोबार के दौरान शेयर बाजार में शानदार उछाल देखने को मिला है. सेंसेक्स कारोबार में 71,000 और निफ्टी 21,300 अंक से ऊपर चला गया. लेकिन क्या आपको पता है सेंसेक्स कभी 100 अंकों पर हुआ करता था जो आज 71,000 पर जा पहुंचा है. आइये जानते है सेंसेक्स के इतिहास को, जिसने हर दिन एक नया रिकॉर्ड बनाया है.

Indian Share Market
शेयर बाजार

कब शुरू हुआ ये सिलसिला
भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की स्थापना 1875 में हुई थी. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की स्थापना 1992 में हुई थी.

सेंसेक्स 100 अंकों से हुआ था शुरू
सेंसेक्स को 2 जनवरी 1986 को लॉन्च किया गया था, जिसका आधार वर्ष 1979 था, और आधार मूल्य 100 अंक था. सेंसेक्स में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 स्टॉक शामिल हैं. साल 1990 के दशक की शुरुआत में, स्टॉकब्रोकर हर्षद मेहता के स्टॉक की कीमतों में हेरफेर ने सेंसेक्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया था, जहां अप्रैल 1992 में 4,467 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

1990 में सेंसेक्स ने पार किया 5,000 का आंकड़ा
1990 के दशक के अंत में वैश्विक प्रौद्योगिकी में तेजी देखी गई, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा. अक्टूबर 1999 में सेंसेक्स ने 5,000 का आंकड़ा पार कर लिया. पहली बार सेंसेक्स शुरुआत के 4 साल बाद जुलाई 1990 में 1,000 अंक की उछाल ने सेंसेक्स को 970 सत्र तक पहुंचा दिया था, जिसे शेयर बाजार का हिट कहा जाता है. हालांकि, अगले 1,000 अंक में केवल 270 सेशन लगे.

10 सालों के अंदर सेंसेक्स ने रचा इतिहास
अपनी शुरुआत के 13 साल बाद, अक्टूबर 1999 में सेंसेक्स 5,000 अंक तक पहुंच गया था. फरवरी 2006 में सेंसेक्स पहली बार इस स्तर पर पहुंचा और इसके बाद 10,000 का आंकड़ा सिर्फ 7 साल में पहुंच गया. उसी वर्ष, अक्टूबर तक सेंसेक्स 11,000, 12,000 और 13,000 के स्तर को भी पार कर गया. अगले साल 2007 में दिसंबर में सेंसेक्स 20,000 के आंकड़े पर पहुंच गया. इस 10 हजार की छलांग के लिए सेंसेक्स को 109 सत्र लगे. दिसंबर 2007 में सेंसेक्स ने पहली बार 20,000 का आंकड़ा पार किया, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती ताकत को दर्शाता है.

साल 2008 नहीं रहा सेंसेक्स के लिए सही
हालांकि, बाद में Y2K संकट और डॉट-कॉम बुलबुले के कारण बड़ा सुधार हुआ. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, सेंसेक्स को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा. अक्टूबर 2008 में इसमें तीव्र गिरावट आई और यह 8,160 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया. इस संकट का भारतीय शेयर बाजार पर गंभीर प्रभाव पड़ा, जिससे बड़े पैमाने पर घबराहट हुई और निवेशकों को नुकसान हुआ. हालांकि, सूचकांक और व्यापक बाजार 2008 के निचले स्तर से उबर गए.

Indian Share Market
शेयर बाजार

हालांकि, इसके बाद सूचकांक को अगले 1,000 अंक हासिल करने में 3 साल लग गए, जो नवंबर 2010 में हासिल किया गया था. यह अंतराल वैश्विक वित्तीय संकट के कारण था. सेंसेक्स ने कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां भी हासिल की हैं.

Indian Share Market
शेयर बाजार

साल 2014 में 28,000 का आंकड़ा हुआ पार
2014 सूचकांक के लिए एक मजबूत वर्ष था, जब इसने कई मील के पत्थर पार किए और नवंबर 2014 में 28,000 अंक तक पहुंच गया. अगले 1,000 अंक में 50 सत्र लगे और जनवरी 2015 में 29,000 स्तर तक पहुंचने में सूचकांक को 225 सत्र लगे या अगले 1,000 अंकों के लिए 2 वर्षों में. अप्रैल 2017 में इसने 30 हजार का आंकड़ा छू लिया. 2017 में, दिसंबर 2017 में सेंसेक्स फिर से कई मील के पत्थर को पार कर 34,000 के स्तर पर पहुंच गया. इसके बाद जनवरी 2018 में 35,000 अंक तक पहुंचने में सिर्फ 16 सत्र लगे.

Indian Share Market
शेयर बाजार

साल 2019 में 40,000 का आंकड़ा हुआ पार
अगले 5,000 अंक तक पहुंचने में लगभग 1.5 साल लग गए और 40,000 का आंकड़ा COVID से पहले जून 2019 में पहुंच गया था. जबकि कुछ महीने महामारी के कारण परेशान रहे, दिसंबर 2020 में सूचकांक 45,000 अंक तक पहुंच गया, जो उस वर्ष नवंबर से मजबूती से बढ़ रहा है. साल 2021 भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्व और मजबूत था. क्योंकि 3 फरवरी, 2021 को सेंसेक्स 50,000 अंक तक पहुंच गया. केवल 2021 में, सेंसेक्स 10,000 अंक और बढ़ गया और सितंबर 2021 में अपने 60,000 अंक पर पहुंच गया.

Indian Share Market
शेयर बाजार

साल 2023 शेयर बाजार के लिए रहा लक्की
हालांकि, 60,000 से 65,000 तक की यात्रा में थोड़ा समय लग गया. डेढ़ साल और 438 सत्रों के बाद, 3 जुलाई, 2023 को सेंसेक्स 65,000 पर पहुंच गया. जुलाई 2023 में 67,000 अंक को पार करने के बाद, सेंसेक्स को 68,000 अंक के आंकड़े को पार करने में लगभग 93 सत्र या 4.6 महीने लगे और अगला 1,000 अंक का मील का पत्थर एक दिन में आया.

बीएसई सेंसेक्स 11 दिसंबर को पहली बार 70,000 का आंकड़ा पार करके एक बार फिर से इतिहास रचा, जिससे अधिकांश निवेशकों के लिए प्रॉफिट वाला सप्ताह रहा.

इसके कुछ दिनों बाद ही 15 दिसंबर को शेयर बाजार ने एक बार फिर से कमाल कर दिखाया है. 15 दिसंबर को कारोबार के दौरान शेयर बाजार 71,000 के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा.

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मुंबई: सेंसेक्स हर दिन अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर जा रहा है. साल 2023 के आखिरी महीने में कारोबार के दौरान शेयर बाजार में शानदार उछाल देखने को मिला है. सेंसेक्स कारोबार में 71,000 और निफ्टी 21,300 अंक से ऊपर चला गया. लेकिन क्या आपको पता है सेंसेक्स कभी 100 अंकों पर हुआ करता था जो आज 71,000 पर जा पहुंचा है. आइये जानते है सेंसेक्स के इतिहास को, जिसने हर दिन एक नया रिकॉर्ड बनाया है.

Indian Share Market
शेयर बाजार

कब शुरू हुआ ये सिलसिला
भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की स्थापना 1875 में हुई थी. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की स्थापना 1992 में हुई थी.

सेंसेक्स 100 अंकों से हुआ था शुरू
सेंसेक्स को 2 जनवरी 1986 को लॉन्च किया गया था, जिसका आधार वर्ष 1979 था, और आधार मूल्य 100 अंक था. सेंसेक्स में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 30 स्टॉक शामिल हैं. साल 1990 के दशक की शुरुआत में, स्टॉकब्रोकर हर्षद मेहता के स्टॉक की कीमतों में हेरफेर ने सेंसेक्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया था, जहां अप्रैल 1992 में 4,467 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

1990 में सेंसेक्स ने पार किया 5,000 का आंकड़ा
1990 के दशक के अंत में वैश्विक प्रौद्योगिकी में तेजी देखी गई, जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा. अक्टूबर 1999 में सेंसेक्स ने 5,000 का आंकड़ा पार कर लिया. पहली बार सेंसेक्स शुरुआत के 4 साल बाद जुलाई 1990 में 1,000 अंक की उछाल ने सेंसेक्स को 970 सत्र तक पहुंचा दिया था, जिसे शेयर बाजार का हिट कहा जाता है. हालांकि, अगले 1,000 अंक में केवल 270 सेशन लगे.

10 सालों के अंदर सेंसेक्स ने रचा इतिहास
अपनी शुरुआत के 13 साल बाद, अक्टूबर 1999 में सेंसेक्स 5,000 अंक तक पहुंच गया था. फरवरी 2006 में सेंसेक्स पहली बार इस स्तर पर पहुंचा और इसके बाद 10,000 का आंकड़ा सिर्फ 7 साल में पहुंच गया. उसी वर्ष, अक्टूबर तक सेंसेक्स 11,000, 12,000 और 13,000 के स्तर को भी पार कर गया. अगले साल 2007 में दिसंबर में सेंसेक्स 20,000 के आंकड़े पर पहुंच गया. इस 10 हजार की छलांग के लिए सेंसेक्स को 109 सत्र लगे. दिसंबर 2007 में सेंसेक्स ने पहली बार 20,000 का आंकड़ा पार किया, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती ताकत को दर्शाता है.

साल 2008 नहीं रहा सेंसेक्स के लिए सही
हालांकि, बाद में Y2K संकट और डॉट-कॉम बुलबुले के कारण बड़ा सुधार हुआ. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, सेंसेक्स को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा. अक्टूबर 2008 में इसमें तीव्र गिरावट आई और यह 8,160 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया. इस संकट का भारतीय शेयर बाजार पर गंभीर प्रभाव पड़ा, जिससे बड़े पैमाने पर घबराहट हुई और निवेशकों को नुकसान हुआ. हालांकि, सूचकांक और व्यापक बाजार 2008 के निचले स्तर से उबर गए.

Indian Share Market
शेयर बाजार

हालांकि, इसके बाद सूचकांक को अगले 1,000 अंक हासिल करने में 3 साल लग गए, जो नवंबर 2010 में हासिल किया गया था. यह अंतराल वैश्विक वित्तीय संकट के कारण था. सेंसेक्स ने कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियां भी हासिल की हैं.

Indian Share Market
शेयर बाजार

साल 2014 में 28,000 का आंकड़ा हुआ पार
2014 सूचकांक के लिए एक मजबूत वर्ष था, जब इसने कई मील के पत्थर पार किए और नवंबर 2014 में 28,000 अंक तक पहुंच गया. अगले 1,000 अंक में 50 सत्र लगे और जनवरी 2015 में 29,000 स्तर तक पहुंचने में सूचकांक को 225 सत्र लगे या अगले 1,000 अंकों के लिए 2 वर्षों में. अप्रैल 2017 में इसने 30 हजार का आंकड़ा छू लिया. 2017 में, दिसंबर 2017 में सेंसेक्स फिर से कई मील के पत्थर को पार कर 34,000 के स्तर पर पहुंच गया. इसके बाद जनवरी 2018 में 35,000 अंक तक पहुंचने में सिर्फ 16 सत्र लगे.

Indian Share Market
शेयर बाजार

साल 2019 में 40,000 का आंकड़ा हुआ पार
अगले 5,000 अंक तक पहुंचने में लगभग 1.5 साल लग गए और 40,000 का आंकड़ा COVID से पहले जून 2019 में पहुंच गया था. जबकि कुछ महीने महामारी के कारण परेशान रहे, दिसंबर 2020 में सूचकांक 45,000 अंक तक पहुंच गया, जो उस वर्ष नवंबर से मजबूती से बढ़ रहा है. साल 2021 भारतीय शेयर बाजार के लिए महत्व और मजबूत था. क्योंकि 3 फरवरी, 2021 को सेंसेक्स 50,000 अंक तक पहुंच गया. केवल 2021 में, सेंसेक्स 10,000 अंक और बढ़ गया और सितंबर 2021 में अपने 60,000 अंक पर पहुंच गया.

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शेयर बाजार

साल 2023 शेयर बाजार के लिए रहा लक्की
हालांकि, 60,000 से 65,000 तक की यात्रा में थोड़ा समय लग गया. डेढ़ साल और 438 सत्रों के बाद, 3 जुलाई, 2023 को सेंसेक्स 65,000 पर पहुंच गया. जुलाई 2023 में 67,000 अंक को पार करने के बाद, सेंसेक्स को 68,000 अंक के आंकड़े को पार करने में लगभग 93 सत्र या 4.6 महीने लगे और अगला 1,000 अंक का मील का पत्थर एक दिन में आया.

बीएसई सेंसेक्स 11 दिसंबर को पहली बार 70,000 का आंकड़ा पार करके एक बार फिर से इतिहास रचा, जिससे अधिकांश निवेशकों के लिए प्रॉफिट वाला सप्ताह रहा.

इसके कुछ दिनों बाद ही 15 दिसंबर को शेयर बाजार ने एक बार फिर से कमाल कर दिखाया है. 15 दिसंबर को कारोबार के दौरान शेयर बाजार 71,000 के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा.

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Last Updated : Dec 15, 2023, 3:42 PM IST
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