मुंबई: पिछले चार दिन से घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को थम गया और सेंसेक्स 344 अंक की वृद्धि के साथ बंद हुआ. वैश्विक बाजारों में मजबूती और विदेशी निवेशकों की लिवाली से बाजार में तेजी आई. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 344.63 अंक यानी 0.65 प्रतिशत चढ़कर 53,760.78 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह एक समय 395.22 अंक तक चढ़ गया था. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 110.55 अंक यानी 0.69 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16,049.20 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाइटन, मारुति, लार्सन एंड टूब्रो, एचडीएफसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, नेस्ले और भारती एयरटेल प्रमुख रूप से लाभ में रहे. वहीं, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, डॉ रेड्डीज और एक्सिस बैंक के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की बढ़त के साथ बंद हुए जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे.
रुपया आठ पैसे सुधरकर 79.91 प्रति डॉलर पर पहुंचा
वहीं, विदेशों में डॉलर के कमजोर होने तथा घरेलू शेयर बाजार में भारी लिवाली होने के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया आठ पैसे की मजबूती के साथ 79.91 (अस्थायी) रुपये पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की तरफ से विदेशी पूंजी का निवेश बढ़ने से भी रुपये की तेजी को बल मिला.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.95 प्रति डॉलर पर खुला और कारोबार के दौरान 79.82 के उच्चतम तथा 79.96 रुपये के निचले स्तर तक गया. अंत में रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले आठ पैसे की तेजी के साथ 79.91 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह बृहस्पतिवार को 79.99 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर रहा था. दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत घटकर 108.43 अंक रह गया.
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जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, 'बाजार में फिर से उतार-चढ़ाव का दौर आ गया है और अमेरिकी मुद्रास्फीति में वृद्धि के बीच निवेशक फेडरल बैंक के अगले कदम पर अपनी नजर बनाए हुए है.' उन्होंने कहा, 'कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली में कमी से भी घरेलू शेयर बाजार को समर्थन मिला. वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के नतीजे उम्मीद के उलट रहने और रुपये में कमजोरी तथा वैश्विक मंदी की आशंका बाजार में वृद्धि को सीमित कर रहे हैं.'
(पीटीआई-भाषा)