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Stock Market Update: बीएसई सेंसेक्स 616.62 अंक चढ़ा, रुपया में सुधार

घरेलू शेयर बाजार बुधवार को c उछाल के साथ बंद हुआ. बीएसई सेंसेक्स 616.62 अंक चढ़कर 53,750.97 अंक पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 178.95 अंक की बढ़त के साथ 15,989.80 अंक पर पहुंचा. वहीं, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया दो पैसे सुधरकर 79.31 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर पहुंच गया.

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Published : Jul 6, 2022, 4:05 PM IST

Updated : Jul 6, 2022, 6:03 PM IST

मुंबई: स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को तेजी रही और दोनों मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी एक प्रतिशत से अधिक मजबूत हुए. दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, वित्तीय और वाहन शेयरों में लिवाली के साथ लंबे समय बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुद्ध खरीदार रहे जिससे बाजार की तेजी को समर्थन मिला.

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 616.62 अंक यानी 1.16 प्रतिशत उछलकर 53,750.97 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 684.96 अंक यानी 1.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ 53,819.31 अंक तक पहुंचा था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 178.95 अंक यानी 1.13 प्रतिशत के लाभ के साथ 15,989.80 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, टाइटन, मारुति सुजुकी इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक और नेस्ले प्रमुख रूप से लाभ में रहे. दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में पावरग्रिड, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो तथा टाटा स्टील शामिल हैं.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कच्चे तेल के दाम में नरमी, एफआईआई की लिवाली तथा बैंकों के मजबूत कारोबारी आंकड़ों से घरेलू शेयर बाजार में तेजी आई. नायर ने कहा कि कच्चे तेल का दाम मंगलवार को करीब 10 प्रतिशत नीचे आ गया. इससे खपत, रसायन, लॉजिस्टिक और तेल विपणन कंपनियों के शेयरों में लिवाली बढ़ी, क्योंकि इससे इन क्षेत्रों पर लागत बोझ कम होगा.

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप क्रमश: 1.76 प्रतिशत और 0.94 प्रतिशत मजबूत हुए. हेम सिक्योरिटीज के प्रमुख (पीएमएस) मोहित निगम ने कहा, 'नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध शुरुआती आंकड़ों के अनुसार एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) पांच जुलाई को शुद्ध खरीदार रहे. उन्होंने 1,295.84 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.'

रुपया तीन पैसे चढ़कर 79.30 प्रति डॉलर पर पहुंचा
भारतीय मुद्रा रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने अबतक के सबसे निचले स्तर से उबरने में सफल रहा और तीन पैसे की बढ़त के साथ 79.30 प्रति डॉलर (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ. कारोबारियों के मुताबिक, कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में गिरावट आने और विदेशी कोषों की निकासी पर लगाम लगने से रुपये को समर्थन मिला. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.29 के भाव पर मजबूती के साथ खुला था लेकिन बाद में उसमें उतार-चढ़ाव का जोर रहा. कारोबार के दौरान रुपया 79.24 के ऊंचे स्तर और 79.37 के निचले स्तर पर भी पहुंचा. कारोबार के अंत में रुपया 79.30 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ जो एक दिन पहले की तुलना में तीन पैसे की मजबूती को दर्शाता है. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.33 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था.

यह भी पढ़ें- बिजली, ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, कर स्लैब चार से तीन किए जाएं: CII

शेयरखान बाय बीएनपी परिबाा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, घरेलू शेयर बाजारों के सकारात्मक रुख और कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट से रुपये को मजबूती मिली. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिवाल रहने से भी रुपये को समर्थन मिला. चौधरी के मुताबिक, डॉलर के मजबूत बने रहने और वैश्विक निवेश जोखिम को लेकर धारणा कमजोर होने से निवेशकों की धारणा को मजबूती मिली. उन्होंने कहा, कच्चे तेल की कीमत एक दिन पहले 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई थी. अगर कच्चा तेल 100 डॉलर के स्तर से नीचे ही बना रहता है तो इससे रुपये को निचले स्तर पर तगड़ा समर्थन मिलेगा.

मुंबई: स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को तेजी रही और दोनों मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी एक प्रतिशत से अधिक मजबूत हुए. दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, वित्तीय और वाहन शेयरों में लिवाली के साथ लंबे समय बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुद्ध खरीदार रहे जिससे बाजार की तेजी को समर्थन मिला.

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 616.62 अंक यानी 1.16 प्रतिशत उछलकर 53,750.97 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 684.96 अंक यानी 1.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ 53,819.31 अंक तक पहुंचा था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 178.95 अंक यानी 1.13 प्रतिशत के लाभ के साथ 15,989.80 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, टाइटन, मारुति सुजुकी इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक और नेस्ले प्रमुख रूप से लाभ में रहे. दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में पावरग्रिड, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो तथा टाटा स्टील शामिल हैं.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि कच्चे तेल के दाम में नरमी, एफआईआई की लिवाली तथा बैंकों के मजबूत कारोबारी आंकड़ों से घरेलू शेयर बाजार में तेजी आई. नायर ने कहा कि कच्चे तेल का दाम मंगलवार को करीब 10 प्रतिशत नीचे आ गया. इससे खपत, रसायन, लॉजिस्टिक और तेल विपणन कंपनियों के शेयरों में लिवाली बढ़ी, क्योंकि इससे इन क्षेत्रों पर लागत बोझ कम होगा.

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप क्रमश: 1.76 प्रतिशत और 0.94 प्रतिशत मजबूत हुए. हेम सिक्योरिटीज के प्रमुख (पीएमएस) मोहित निगम ने कहा, 'नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध शुरुआती आंकड़ों के अनुसार एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) पांच जुलाई को शुद्ध खरीदार रहे. उन्होंने 1,295.84 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.'

रुपया तीन पैसे चढ़कर 79.30 प्रति डॉलर पर पहुंचा
भारतीय मुद्रा रुपया बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने अबतक के सबसे निचले स्तर से उबरने में सफल रहा और तीन पैसे की बढ़त के साथ 79.30 प्रति डॉलर (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ. कारोबारियों के मुताबिक, कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में गिरावट आने और विदेशी कोषों की निकासी पर लगाम लगने से रुपये को समर्थन मिला. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 79.29 के भाव पर मजबूती के साथ खुला था लेकिन बाद में उसमें उतार-चढ़ाव का जोर रहा. कारोबार के दौरान रुपया 79.24 के ऊंचे स्तर और 79.37 के निचले स्तर पर भी पहुंचा. कारोबार के अंत में रुपया 79.30 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ जो एक दिन पहले की तुलना में तीन पैसे की मजबूती को दर्शाता है. पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 79.33 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था.

यह भी पढ़ें- बिजली, ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाया जाए, कर स्लैब चार से तीन किए जाएं: CII

शेयरखान बाय बीएनपी परिबाा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, घरेलू शेयर बाजारों के सकारात्मक रुख और कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट से रुपये को मजबूती मिली. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिवाल रहने से भी रुपये को समर्थन मिला. चौधरी के मुताबिक, डॉलर के मजबूत बने रहने और वैश्विक निवेश जोखिम को लेकर धारणा कमजोर होने से निवेशकों की धारणा को मजबूती मिली. उन्होंने कहा, कच्चे तेल की कीमत एक दिन पहले 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई थी. अगर कच्चा तेल 100 डॉलर के स्तर से नीचे ही बना रहता है तो इससे रुपये को निचले स्तर पर तगड़ा समर्थन मिलेगा.

Last Updated : Jul 6, 2022, 6:03 PM IST
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