मुंबई : हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की. जिसमें उसने धोखाधड़ी समेत कई गंभीर आरोप लगाए. इन आरोपों के कारण ही कोर्ट में Adani Group को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच की मांग की. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए एक 6 सदस्यीय कमेटी गठित की. साथ ही सेबी को आदेश दिया कि वह इस मामले में जांच जारी रखे और 2 महीने में Suprme Court को अपनी रिपोर्ट सौंपे.
हालिया समय में सेबी बोर्ड की बैठक हुई. जिसके बाद नियामक की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान सेबी चेयरपर्सन ने कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी. लेकिन जब उनसे अडाणी ग्रुप से जुड़े विवादों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. कहा कि यह मामला अभी अदालत में है. सेबी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी.
अमेरिकी की वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी में रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. इनमें से कुछ कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 85 प्रतिशत से अधिक घट गया है. रिपोर्ट में समूह पर खातों में गड़बड़ी और शेयरों के भाव में हेराफेरी का आरोप लगाया गया है. हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है.
उच्चतम न्यायालय ने दो मार्च को अडाणी मामले में छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. शीर्ष अदालत ने बाजार नियामक से इस बात की जांच करने को भी कहा है कि क्या इस मामले में सेबी के नियमों का उल्लंघन हुआ और क्या शेयर कीमतों में हेरफेर किया गया. बुच ने सेबी के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं के सवाल पर कहा, ‘‘हम नीति के तहत किसी इकाई विशेष पर टिप्पणी नहीं करते. इसके अलावा यह मामला उच्चतम न्यायालय में है. हम न्यायालय में लंबित मामलों पर टिप्पणी नहीं करते.’
(पीटीआई- भाषा)
पढ़ें : Adani Group News : हिंडनबर्ग रिपोर्ट का झटका, अडाणी समूह ने कई परियोजनाओं से पीछे खींचे कदम