बेंगलुरु: बेंगलुरु के 'द ताज' में आयोजित एक कार्यक्रम में रिगी कंपनी के ब्रांड एंबेसडर और पूर्व क्रिकेटर एमएस धोनी ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने सेविंग को लेकर अपनी राय व्यक्त की है. बता दें, रिगी कंपनी जो विकास, मैनेजमेंट और मॉनेटाइजेशन के लिए हर प्रकार के क्रिएटर्स के लिए तकनीक-आधारित समाधान डिजाइन करती है. जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम में भारत के 150 से अधिक कंटेंट निर्माता उपस्थित थे, जिसमें क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने भी शिरकत की. धोनी के अलावा इस कार्यक्रम में यूट्यूबर तन्मय भट्ट भी शामिल हुए. बता दें, खेल की दुनिया में नाम कमाने वाले और रिगी के ब्रांड एंबेसडर धोनी ने इस कार्यक्रम में बतौर एआई इन्फुलेंसर के तहत एंट्री की थी.
धोनी का बजट से क्या रिलेशन है?
कार्यक्रम के दौरान महेंद्र सिंह धोनी से तन्मय भट्ट ने पूछा कि आपका बजट से क्या रिलेशन है. इस पर धोनी ने कहा कि पैसा आज के लोगों के लिए उनके जीवन का सेंटर प्वाइंट है. हर किसी के पास पैसे कमाने की वजह होती है, लेकिन इसी में कितने लोग पैसे को मल्टीपल करने की ओर भागने लगते है, जिसमें वह खुद को भूल जाते है. धोनी ने कहा कि पैसा कमाना जरूरी है, क्योंकि कोई पैसा अपने माता-पिता को अच्छा जीवन देने के लिए कमाता है, तो कोई अपने भाई-बहन के लिए, तो कोई अपने बच्चे के भविष्य को बनाने के लिए अर्निंग करता है.
लेकिन इन पैसे कमाने के चक्कर में कभी भी इंसानियत को नहीं भूलना चाहिए. शेयर बाजार पर सवाल पूछे जाने पर धोनी ने बताया कि उसपर भरोसा नहीं कर सकते है. कब पलट जाए कोई नहीं जानता है. आज के समय में ज्यादातर मीडिया में निवेश के डूबने के चांस 95 फीसदी दिखाया जाता है. लेकिन फिर भी लोग निवेश कर रहे है,. उन्होंने कहा कि निवेश करें लेकिन उसके साथ सावधानी का भी ध्यान जरूर रखें.
धोनी ने रिगी कंपनी के बारे में क्या कहा?
इसी कार्यक्रम के दौरान एमएस धोनी ने कहा कि यह मंच तेजी से विकसित हो रहा है. रिगी डिजिटल क्षेत्र में ऑथेंटिक और भरोसेमंद जानकारी की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है. इसके बाद इसके बाद उन्होंने कम्युनिटी '2.0: द अल्टीमेट हब फॉर एम्पावरिंग क्रिएटर्स' लॉन्च किया. यह विशेष रूप से क्रिएटर्स के लिए तैयार किया गया है. उनके व्हाइट-लेबल प्लेटफॉर्म का अपग्रेड है, जिसका उद्देश्य न केवल क्रिएटर मॉनेटाइजेशन की कांसेप्ट को नया आकार देना है, बल्कि सामुदायिक जुड़ाव को पूरी तरह से तेज करना है. भारत के पहले वॉयस एआई इन्फ्लुएंसर के भव्य प्रवेश के साथ, इस कार्यक्रम ने इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में एक नए युग की शुरुआत की, जहां सीमाएं असीमित हैं, और आवाजें पहले की तरह गूंजने के लिए बाध्य हैं.