नई दिल्ली: जनवरी में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.52 प्रतिशत के तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच (Retail inflation at three month high of 6.52 percent) गई. इसका मुख्य कारण खाद्य कीमतों में वृद्धि है. इससे पहले दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 5.72 प्रतिशत थी। जनवरी 2023 में खाद्य मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 के 4.19 प्रतिशत से बढ़कर 5.94 प्रतिशत हो गई. इसके साथ ही उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक बार फिर आरबीआई के 6 फीसदी के स्तर से आगे निकल गई है.
जनवरी 2023 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 के 6.01 प्रतिशत के स्तर से भी अधिक है. जनवरी 2023 में अनाज, अंडे और मांस के साथ-साथ मछली, दूध, फल, कपड़े, जूते-चप्पल, आवास, स्वास्थ्य और परिवहन की उच्च कीमतों के चलते खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई है. वही शहरी केंद्रों में 6 प्रतिशत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति 6.85 प्रतिशत अधिक थी.
रिजर्व बैंक ने जनवरी-दिसंबर तिमाही में 5.7 फीसदी के साथ 2022-23 में खुदरा महंगाई दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. दरअसल, पिछले हफ्ते, आरबीआई - जिसे यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया है कि मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से नीचे बनी रहे - ने मूल्य वृद्धि की जांच करने के उद्देश्य से प्रमुख अल्पकालिक दर (Repo) को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था.
आपके बता दें आरबीआई ने पिछले सप्ताह कहा था कि यह सब्जियों की कीमतों में तेज गिरावट के कारण खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी के कारण था, जो अनाज, प्रोटीन आधारित खाद्य पदार्थों और मसालों से मुद्रास्फीति के दबाव को दूर करने से कहीं अधिक था. इसने यह भी कहा कि इनपुट लागत, विशेष रूप से सेवाओं में चल रहे पास-थ्रू, मुख्य मुद्रास्फीति को ऊंचे स्तर पर रख सकते हैं.
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(आईएएनएस)