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RBI Report : भारतीय अर्थव्यवस्था पेश करती है लचीलेपन की तस्वीर, मजबूत वित्तीय प्रणाली से विकास को बढ़ावा

आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों और कॉरपोरेट्स की स्वस्थ बैलेंस शीट एक नए क्रेडिट और निवेश चक्र को जन्म दे रही हैं. मजबूत राजस्व वृद्धि, उच्च लाभ और कम उत्तोलन कॉरपोरेट्स को अपनी निचली रेखा में सुधार करने में मदद कर रहे हैं.

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Published : Jun 29, 2023, 8:11 PM IST

Updated : Jun 29, 2023, 8:25 PM IST

Reserve Bank of India
आरबीआई

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों द्वारा समर्थित लचीलेपन की तस्वीर पेश करती है. RBI Report , जो वित्तीय संस्थानों के स्वास्थ्य का अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है, वित्तीय क्षेत्र का अवलोकन करते हुए कहती है : "निरंतर विकास की गति, मुद्रास्फीति में कमी और मुद्रास्फीति की उम्मीदों का स्थिरीकरण, चालू खाता घाटे (सीएडी) में कमी और बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, चल रहा राजकोषीय समेकन और एक मजबूत वित्तीय प्रणाली अर्थव्यवस्था को निरंतर विकास के पथ पर स्थापित कर रही है."

इसमें कहा गया है, "बैंकों और कॉरपोरेट्स की स्वस्थ बैलेंस शीट एक नए क्रेडिट और निवेश चक्र को जन्म दे रही हैं. मजबूत राजस्व वृद्धि, उच्च लाभ और कम उत्तोलन कॉरपोरेट्स को अपनी निचली रेखा में सुधार करने में मदद कर रहे हैं." RBI Report में कहा गया है कि बैंक और गैर-बैंक वित्तीय मध्यस्थ मजबूत बफर के साथ मजबूत आय और मजबूत ऋण वृद्धि दर्ज कर रहे हैं. RBI दस्तावेज़ में कहा गया है कि ये सुधार बढ़ती गति से मजबूत होकर भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं को उज्ज्वल कर रहे हैं.

हालांकि उसने साथ ही आगाह किया कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली की स्थिरता की परीक्षा उच्च मुद्रास्फीति, तंग वित्तीय स्थिति और बैंकिंग प्रणाली की कमज़ोरियों से होती है. इसके साथ ही, भूराजनीतिक तनाव और आर्थिक विखंडन व्यापक आर्थिक स्थिरता को खतरे में डाल रहे हैं. निवेशकों की भावनाओं में तेजी से बदलाव के बीच वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है. इसमें बताया गया है कि उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) को महत्वपूर्ण स्पिलओवर जोखिमों और मैक्रोफाइनेंशियल अस्थिरता के असममित प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है.

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नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों द्वारा समर्थित लचीलेपन की तस्वीर पेश करती है. RBI Report , जो वित्तीय संस्थानों के स्वास्थ्य का अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है, वित्तीय क्षेत्र का अवलोकन करते हुए कहती है : "निरंतर विकास की गति, मुद्रास्फीति में कमी और मुद्रास्फीति की उम्मीदों का स्थिरीकरण, चालू खाता घाटे (सीएडी) में कमी और बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, चल रहा राजकोषीय समेकन और एक मजबूत वित्तीय प्रणाली अर्थव्यवस्था को निरंतर विकास के पथ पर स्थापित कर रही है."

इसमें कहा गया है, "बैंकों और कॉरपोरेट्स की स्वस्थ बैलेंस शीट एक नए क्रेडिट और निवेश चक्र को जन्म दे रही हैं. मजबूत राजस्व वृद्धि, उच्च लाभ और कम उत्तोलन कॉरपोरेट्स को अपनी निचली रेखा में सुधार करने में मदद कर रहे हैं." RBI Report में कहा गया है कि बैंक और गैर-बैंक वित्तीय मध्यस्थ मजबूत बफर के साथ मजबूत आय और मजबूत ऋण वृद्धि दर्ज कर रहे हैं. RBI दस्तावेज़ में कहा गया है कि ये सुधार बढ़ती गति से मजबूत होकर भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं को उज्ज्वल कर रहे हैं.

हालांकि उसने साथ ही आगाह किया कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली की स्थिरता की परीक्षा उच्च मुद्रास्फीति, तंग वित्तीय स्थिति और बैंकिंग प्रणाली की कमज़ोरियों से होती है. इसके साथ ही, भूराजनीतिक तनाव और आर्थिक विखंडन व्यापक आर्थिक स्थिरता को खतरे में डाल रहे हैं. निवेशकों की भावनाओं में तेजी से बदलाव के बीच वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है. इसमें बताया गया है कि उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) को महत्वपूर्ण स्पिलओवर जोखिमों और मैक्रोफाइनेंशियल अस्थिरता के असममित प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है.

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Last Updated : Jun 29, 2023, 8:25 PM IST
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