नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अक्टूबर तक अंतरबैंक उधारी या कॉल मनी मार्केट में लेनदेन के लिए प्रायोगिक रूप से डिजिटल रुपये की शुरुआत कर सकता है. केंद्रीय बैंक के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी ने रविवार को यह बात कही. चौधरी ने यहां G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के मौके पर कहा, ‘रिजर्व बैंक इस महीने या अगले महीने कॉल बाजार में थोक सीबीडीसी की पेशकश करेगा.’
बता दें, कॉल मनी मार्केट एक दिन से एक पखवाड़े के बीच की अवधि के साथ मांगों पर चुकाए जाने वाले बहुत ही अल्पकालिक फंडों का बाजार है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 में सीबीडीसी की शुरुआत की घोषणा की थी. वित्त विधेयक, 2022 के पारित होने के साथ आरबीआई अधिनियम, 1934 की संबंधित धारा में इसके लिए जरूरी संशोधन किए गए थे.
CBDC की परियोजना में ये 9 बैंक शामिल
थोक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी), जिसे डिजिटल रुपया-थोक (ई-डब्ल्यू) के रूप में जाना जाता है, की शुरुआत एक नवंबर, 2022 को हुई थी. इसका उपयोग सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन के निपटान तक सीमित था. आरबीआई ने थोक CBDC की अपनी प्रायोगिक परियोजना के लिए नौ बैंकों– भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Bank), यस बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और एचएसबीसी (HSBC) को चुना है.
क्या है डिजिटल करेंसी
सीबीडीसी भारत का आधिकारिक डिजिटल करेंसी है. यानी CBDC आरबीआई की तरफ से जारी किए जाने वाले करेंसी नोट का डिजिटल स्वरूप है. पेपर करेंसी की तरह इसका भी लीगल टेंडर है. इसलिए इसका इस्तेमाल आम करेंसी की तरह ही लेन-देन में होगा. मौजूदा करेंसी के बराबर ही ई-रुपी की वैल्यू होगी. ई-रुपी वर्चुअल करेंसी (e-rupee virtual currency) है. इसलिए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से इसका ट्रांजेक्शन आसानी से किया जा सकता है. QR कोड स्कैन करके एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या व्यापारी के साथ लेन- देन भी कर सकते है.
ये भी पढ़ें- |
(पीटीआई इनपुट के साथ)