नई दिल्ली : टाटा ग्रुप को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने वाले रतन टाटा आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. वह देश के एक सफल बिजनेसमैन हैं. अपने काबिलियत के दम पर उन्होंने टाटा संस को ट्रिलियन डॉलर वाला व्यवसाय बनाया है. हालांकि रतन टाटा से बिजनेस टायकून बनने का उनका सफर काफी दिलचस्प है. कम लोग ही जानते होंगे कि रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत एक कर्मचारी के रूप में की थी. अपने एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने अपने बायोडाटा के बारे में खुलासा किया. तो आइए जानते हैं रतन टाटा को उनकी पहली नौकरी कैसे मिली, उन्होंने अपना रिज्यूमे कैसे बनाया था.
अपने अच्छे कामों को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहने वाले रतन टाटा एक बार फिर अपने एक इंटरव्यू की वजह से सुर्खियों में हैं, जिसमें उन्होंने बताया कि अपनी पहली नौकरी के लिए उन्होंने रिज्यूमे कैसे बनाया. रतन टाटा जब अमेरिका से पढ़ाई करके वापस भारत लौटे, तो उनकी जॉब आईबीएम में लग गई. लेकिन इस बात से उनके गुरु जेआरडी टाटा खुश नहीं थे. जब रतन टाटा आबीएम के ऑफिस में ही थे तो जेआरडी टाटा ने उन्हें फोन किया और रिज्यूमे मांगते हुए कहा कि तुम भारत में रहकर आईबीएम में नौकरी नहीं कर सकते हो.
लेकिन रतन टाटा के पास उस वक्त कोई रिज्यूमे नहीं था. तब उन्होंने आईबीएम के ऑफिस में ही एक इलेक्ट्रिक टाइपराइटर पर टाटा समूह में नौकरी पाने के लिए अपना बायोडाटा तैयार किया और जेआरडी टाटा को भेज दिया. 1962 में रतन टाटा को टाटा इंडस्ट्रीज में पहली नौकरी मिली. 6 महीने के लिए उन्होंने जमशेदपुर प्लांट में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया इसके बाद टाटा स्टील की जिम्मेदारी सौंप दी गई. पहली नौकरी के तीन दशक बाद 1993 में जेआरडी टाटा की निधन के बाद रतन टाटा ने टाटा ग्रुप में अध्यक्ष का पद संभाला था.