नई दिल्ली: आज के समय में आधार कार्ड से फ्रॉड होना आम हो चुका है. सरकार आधार कार्ड के सेफ्टी को लेकर कई गाइडलाइंस भी दिए गए है. लेकिन फिर भी आए दिन आधार कार्ड से जुड़े कई अपराध सामने आते है. किसी होटल में चेक-इन करते समय या पब में प्रवेश करते समय, आपसे अक्सर अपनी पहचान या उम्र सत्यापित करने के लिए कहा जाता है. ऐसे में लोग आधार का यूज करते हैं, क्योंकि इसमें हमारा फोटो, पता, ईमेल, मोबाइल नंबर आदि शामिल होता है. ऐसे में पहचान सत्यापित करने वाले लोग आधार नंबर मांगते है. ऐसे मामलों में, एक छिपा हुआ आधार उपयोगी हो सकता है क्योंकि यह आधार के पहले आठ नंबरों को छुपाता है और अन्य सभी रेलिवेंट जानकारी जैसे पता आदि दिखाता है.
मास्क्ड आधार के बारे में
बता दें कि भारत सरकार मास्क आधार डाउनलोड करने की परमिशन देता है. इससे आपको अपने डाउनलोड किए गए ई-आधार में अपना आधार नंबर छिपाने की अनुमति देता है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि मास्क्ड आधार नंबर का तात्पर्य आधार नंबर के पहले 8 अंकों को xxxx-xxxx जैसे कुछ अक्षरों से बदलना है, जबकि आधार नंबर के केवल अंतिम 4 अंक दिखाई देते हैं.
मास्क्ड आधार का यूज कहां करें?
अपने आधार विवरण को सुरक्षित रखने के लिए, आपको यह समझने की आवश्यकता है कि आप कब छिपे हुए आधार का उपयोग कर सकते हैं और कब आपको अपना मूल आधार विवरण प्रदान करने की आवश्यकता है. यूआईडीएआई नियमों के अनुसार केवल सत्यापित और लाइसेंस प्राप्त संस्थाओं को ही किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए किसी व्यक्ति का आधार विवरण एकत्र करने और संग्रहीत करने की अनुमति है. इसलिए पब, सिनेमा हॉल और होटल जैसी बिना लाइसेंस वाली संस्थाएं आपका आधार एकत्र और संग्रहीत नहीं कर सकती हैं.
इस प्रकार की स्थितियों में मास्क्ड आधार का उपयोग करें. होटल और पब शराब जैसी कुछ चीजें परोसने से पहले उम्र की पुष्टि करने के लिए आपसे कोई पहचान प्रमाण मांग सकते हैं. चूंकि आपकी जन्मतिथि छिपे हुए आधार पर दिखाई देती है, आप ऐसे मामलों में अपनी उम्र सत्यापित करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. हालांकि, आप किसी बैंक या बीमाकर्ता के पास केवाईसी के लिए छिपे हुए आधार का उपयोग नहीं कर सकते.