नई दिल्ली : केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) की उन इकाइयों की रणनीतिक बिक्री को जल्द पूरा किया जाएगा, जिनके लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. वित्त मंत्रालय का कहना है कि ऐसी इकाइयां जिनके लिए मंत्रिमंडल की हरी झंडी मिल चुकी है, उनकी रणनीतिक बिक्री संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम दीपम द्वारा तय दिशानिर्देशों के तहत करेंगे.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जिन इकाइयों की रणनीतिक बिक्री के लिए रुचि पत्र (ईओआई) निकाले जा चुके हैं, उनकी बिक्री निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) द्वारा की जाएगी. दीपम द्वारा एक जून को निकाले गए कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, जिस भी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रणनीतिक बिक्री प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) या वैकल्पिक व्यवस्था (एएम) की मंजूरी मिल चुकी है, उनकी बिक्री प्रक्रिया को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा नए दिशानिर्देशों के अनुरूप आगे बढ़ाया जाएगा.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 मई को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को इकाइयों/अनुषंगी कंपनियों को बंद करने, रणनीतिक या अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री का अधिकार दिया था. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अधिक स्वायत्तता मिली है. इसके बाद दीपम ने यह कार्यालय ज्ञापन निकाला है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल 2016 से 35 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और उनकी इकाइयों/अनुषंगियों के रणनीतिक विनिवेश के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी दे चुका है. इनमें से नौ का लेनदेन पूरा हो गया है. दीपम ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा रणनीतिक विनिवेश लेनदेन/बंदी के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया खुली और प्रतिस्पर्धी बोली के सिद्धान्तों पर आधारित और तय दिशानिर्देशों को पूरा करने वाली होनी चाहिए. इस तरह के रणनीतिक विनिवेश के लिए दीपक निर्देशित सिद्धान्त जारी किए जाएंगे. वहीं किसी इकाई को बंद करने के लिए लोक उपक्रम विभाग (डीपीई) के सिद्धान्त लागू होंगे.
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को अपनी इकाइयों या अनुषंगियों की बिक्री के लिए अपने संबंधित मंत्रालय के जरिये दीपम के पास आवेदन करना होगा. वैकल्पिक तंत्र (एएम) विनिवेश के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी प्रदान करेगा. एएम में वित्त, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और सार्वजनिक उपक्रम के संबंधित मंत्रालय के मंत्री शामिल रहेंगे.
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