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अगर सही क्रेडिट स्कोर नहीं है तो होम लोन मिलने में आएगी दिक्कत, जानें क्या करें

अगर सही क्रेडिट स्कोर नहीं है तो आपको होम लोन मिलने में दिक्कत आएगी. यह सत्य है. इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने क्रेडिट स्कोर को सही करें. आप गारंटी और बिना गारंटी, दोनों तरह के लोन लें, इसकी वजह से आपका क्रेडिट स्कोर हाई हो जाता है.

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कॉन्सेप्ट फोटो क्रेडिट स्कोर
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Published : Nov 20, 2022, 11:30 AM IST

हैदराबाद : होम लोन प्राप्त करने के लिए आवेदकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लेकिन इनमें से अधिकांश आवेदकों को क्रेडिट स्कोर का सामना करना पड़ता है. बहुत सारे आवेदक इस पैमाने पर खरा नहीं उतर पाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें लोन मिलने में दिक्कत आती है. दरअसल, क्रेडिट स्कोर आपके समग्र वित्तीय अनुशासन का सूचकांक है. यदि आपका क्रेडिट स्कोर अधिक है, तो समझिए लोन के लिए आपकी आधी लड़ाई तो यहीं खत्म हो गई.

300 से 900 का स्कोर कार्ड ऋण चुकाने की आपकी क्षमता को दर्शाता है. यह सभी महत्वपूर्ण क्रेडिट स्कोर तय करने का आधार पुनर्भुगतान में किसी का ट्रैक रिकॉर्ड है. क्रेडिट स्कोर पर एक नजर डालने से बैंक और वित्तीय संस्थान संभावित कर्जदारों के बारे में आसानी से अंदाजा लगा लेते हैं. अब आप यह भी समझिए कि आप अपना क्रेडिट स्कोर किस तरह से बढ़ा सकते हैं.

समय पर पुनर्भुगतान का आपका इतिहास आपके क्रेडिट स्कोर को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. भुगतान अंतिम तिथि से पहले किया जाना चाहिए और कोई भी देरी प्रतिकूल प्रभाव छोड़ेगी. अपने क्रेडिट कार्ड की सीमा पर नजर रखें और कभी भी 30 प्रतिशत से अधिक खर्च न करें. एक बार जब आप अपने क्रेडिट कार्ड से अधिक खर्च कर देते हैं, तो वित्तीय संस्थान यह निष्कर्ष निकालेंगे कि आप ऋण पर निर्भर हैं. क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान नियमित रूप से किया जाना चाहिए. समय पर पुनर्भुगतान आपके वित्तीय अनुशासन के बारे में बताएगा जिससे आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ेगा.

जीरो कॉलेट्रल लोन (यानी अनसिक्योर्ड लोन- जिसमें बिना किसी संपत्ति का कागज जमा किए ही लोन का मिलना शामिल है). अगर आप सिर्फ जीरो कॉलेट्रल लोन हासिल करते हैं, तो भी आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रतिकूल असर पड़ता है. अगर आप बेहतर क्रेडिट स्कोर प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको जमानत आधारित लोन भी लेना चाहिए. यानी वैसा लोन, जिसके बदले आपने कोई कागज बैंक में जमा करवाए हैं. इससे बैंक आपके पुनर्भुगतान क्षमता के बारे में आकलन करता है. वित्तीय संस्थानों का आप पर विश्वास बढ़ेगा. इन दोनों कैटेगरी में लोन लेने से बैंकों का आप पर भरोसा बढ़ता है. मिश्रित लोन बहुत हद तक आपके स्कोर के नकारात्मक प्रभाव को भी कम कर देता है.

किसी भी विसंगतियों को ठीक करने के लिए समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट देखें. आपकी सूचना के बिना, ऋण और क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हो सकते हैं. आपकी जानकारी के बिना होने वाले धोखाधड़ी लेनदेन के कारण आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी आ सकती है. यदि आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में ऐसी कोई गलत जानकारी दिखाई देती है, तो इसे ठीक करने के लिए तुरंत अपने बैंकों और क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करें.

क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट के बारे में कई निराधार धारणाएं हैं. लोग आमतौर पर सोचते हैं कि केवल बैंक और वित्तीय संस्थान ही इन क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करते हैं. लेकिन, यहां तक ​​कि बीमा और मोबाइल फोन कंपनियां भी इन रिपोर्टों की जांच करती हैं. कई बार फर्मों का प्रबंधन भी किसी को नौकरी पर रखने से पहले क्रेडिट रिपोर्ट देखता है.

अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित रूप से जांच करने से आपके स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इससे आपको अपने वित्तीय व्यवहार पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, हमारे पास हर साल एक बार किसी भी क्रेडिट ब्यूरो से मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करने की पात्रता है.

आपकी आय का विवरण क्रेडिट स्कोर में प्रदर्शित नहीं होगा, जो केवल आपके ऋण और आपके क्रेडिट कार्ड के विवरण को दर्शाता है. ऐसे में, सभी गलत धारणाओं को एक तरफ रख देना चाहिए और अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए ताकि उन्हें अपनी जरूरत का होम लोन मिल सके. अभी तक, होम लोन की ब्याज दरें उच्च स्तर पर हैं. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको ब्याज दर में थोड़ी कमी दिलाएगा. यह आपकी ऋण पात्रता को बढ़ाएगा.

ये भी पढ़ें : कर्ज रहते 'घी' मत पीजिए, खर्चों में कटौती करें, क्रेडिट कार्ड फ्रीज कर दें

हैदराबाद : होम लोन प्राप्त करने के लिए आवेदकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. लेकिन इनमें से अधिकांश आवेदकों को क्रेडिट स्कोर का सामना करना पड़ता है. बहुत सारे आवेदक इस पैमाने पर खरा नहीं उतर पाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें लोन मिलने में दिक्कत आती है. दरअसल, क्रेडिट स्कोर आपके समग्र वित्तीय अनुशासन का सूचकांक है. यदि आपका क्रेडिट स्कोर अधिक है, तो समझिए लोन के लिए आपकी आधी लड़ाई तो यहीं खत्म हो गई.

300 से 900 का स्कोर कार्ड ऋण चुकाने की आपकी क्षमता को दर्शाता है. यह सभी महत्वपूर्ण क्रेडिट स्कोर तय करने का आधार पुनर्भुगतान में किसी का ट्रैक रिकॉर्ड है. क्रेडिट स्कोर पर एक नजर डालने से बैंक और वित्तीय संस्थान संभावित कर्जदारों के बारे में आसानी से अंदाजा लगा लेते हैं. अब आप यह भी समझिए कि आप अपना क्रेडिट स्कोर किस तरह से बढ़ा सकते हैं.

समय पर पुनर्भुगतान का आपका इतिहास आपके क्रेडिट स्कोर को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. भुगतान अंतिम तिथि से पहले किया जाना चाहिए और कोई भी देरी प्रतिकूल प्रभाव छोड़ेगी. अपने क्रेडिट कार्ड की सीमा पर नजर रखें और कभी भी 30 प्रतिशत से अधिक खर्च न करें. एक बार जब आप अपने क्रेडिट कार्ड से अधिक खर्च कर देते हैं, तो वित्तीय संस्थान यह निष्कर्ष निकालेंगे कि आप ऋण पर निर्भर हैं. क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान नियमित रूप से किया जाना चाहिए. समय पर पुनर्भुगतान आपके वित्तीय अनुशासन के बारे में बताएगा जिससे आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ेगा.

जीरो कॉलेट्रल लोन (यानी अनसिक्योर्ड लोन- जिसमें बिना किसी संपत्ति का कागज जमा किए ही लोन का मिलना शामिल है). अगर आप सिर्फ जीरो कॉलेट्रल लोन हासिल करते हैं, तो भी आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रतिकूल असर पड़ता है. अगर आप बेहतर क्रेडिट स्कोर प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको जमानत आधारित लोन भी लेना चाहिए. यानी वैसा लोन, जिसके बदले आपने कोई कागज बैंक में जमा करवाए हैं. इससे बैंक आपके पुनर्भुगतान क्षमता के बारे में आकलन करता है. वित्तीय संस्थानों का आप पर विश्वास बढ़ेगा. इन दोनों कैटेगरी में लोन लेने से बैंकों का आप पर भरोसा बढ़ता है. मिश्रित लोन बहुत हद तक आपके स्कोर के नकारात्मक प्रभाव को भी कम कर देता है.

किसी भी विसंगतियों को ठीक करने के लिए समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट देखें. आपकी सूचना के बिना, ऋण और क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हो सकते हैं. आपकी जानकारी के बिना होने वाले धोखाधड़ी लेनदेन के कारण आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी आ सकती है. यदि आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में ऐसी कोई गलत जानकारी दिखाई देती है, तो इसे ठीक करने के लिए तुरंत अपने बैंकों और क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करें.

क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट के बारे में कई निराधार धारणाएं हैं. लोग आमतौर पर सोचते हैं कि केवल बैंक और वित्तीय संस्थान ही इन क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करते हैं. लेकिन, यहां तक ​​कि बीमा और मोबाइल फोन कंपनियां भी इन रिपोर्टों की जांच करती हैं. कई बार फर्मों का प्रबंधन भी किसी को नौकरी पर रखने से पहले क्रेडिट रिपोर्ट देखता है.

अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित रूप से जांच करने से आपके स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इससे आपको अपने वित्तीय व्यवहार पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, हमारे पास हर साल एक बार किसी भी क्रेडिट ब्यूरो से मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करने की पात्रता है.

आपकी आय का विवरण क्रेडिट स्कोर में प्रदर्शित नहीं होगा, जो केवल आपके ऋण और आपके क्रेडिट कार्ड के विवरण को दर्शाता है. ऐसे में, सभी गलत धारणाओं को एक तरफ रख देना चाहिए और अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए ताकि उन्हें अपनी जरूरत का होम लोन मिल सके. अभी तक, होम लोन की ब्याज दरें उच्च स्तर पर हैं. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको ब्याज दर में थोड़ी कमी दिलाएगा. यह आपकी ऋण पात्रता को बढ़ाएगा.

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