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अमेरिका और चीन में घटी तेल की मांग, कीमतों में आई नरमी

अमेरिका और चीन में मांग में कमी को लेकर नई चिंताओं के कारण तेल की कीमतों में शुक्रवार की तेजी के उलट सोमवार को नरमी आ गई है. दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल इंपोर्ट चीन के पिछले सप्ताह कमजोर आर्थिक आंकड़ों से भी मांग में गिरावट की आशंका बढ़ती नजर आ रही है. पढ़े पूरी खबर...(Oil prices ease, US, China, Oil demand, West Texas Intermediate, OPEC, Oil, crude, Brent, Oil price)

Oil prices ease
अमेरिका और चीन में घटी तेल की मांग, तो कीमत में आई नरमी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 13, 2023, 12:16 PM IST

नई दिल्ली: अमेरिका और चीन में कच्चे तेल की मांग में जोरदार कमी आई है. जिसके चलते सोमवार को तेल की कीमतों में नरमी देखी गई. वहीं, इसका असर बाजार पर भी पड़ा है. जनवरी में ब्रेंट क्रूड वायदा 0051 जीएमटी पर 35 सेंट या 0.4 फीसदी की गिरावट के साथ 81.08 डॉलर प्रति बैरल पर था, जबकि दिसंबर के लिए यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड वायदा 35 सेंट या 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ 76.82 डॉलर पर था.

Oil prices ease
अमेरिका और चीन में घटी तेल की मांग, तो कीमत में आई नरमी

दोनों बेंचमार्क में पिछले शुक्रवार को लगभग 2 फीसदी की वृद्धि हुई क्योंकि इराक ने ओपेक+ द्वारा तेल कटौती के लिए समर्थन व्यक्त किया था, लेकिन सप्ताह के लिए लगभग 4 फीसदी की गिरावट आई, मई के बाद पहली बार उनका तीसरा साप्ताहिक घाटा हुआ है. अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस साल संयुक्त राज्य अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन पहले की अपेक्षा थोड़ा कम बढ़ेगा, जबकि मांग में गिरावट आएगी.

चीन दुनिया के सबसे बड़ा कच्चा तेल इंपोर्ट है
दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल इंपोर्ट चीन के पिछले सप्ताह कमजोर आर्थिक आंकड़ों से भी मांग में गिरावट की आशंका बढ़ती नजर आ रही है. इसके अलावा, चीन के रिफाइनर्स ने दिसंबर के लिए दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक सऊदी अरब से कम आपूर्ति की मांग की है. डब्ल्यूटीआई 75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचता है तो तेल की कीमतों को समर्थन मिलेगा.

अगर बाजार में और गिरावट आती है, तो उम्मीद है कि समर्थन खरीदारी देखने को मिलेगी कि सऊदी अरब और रूस दिसंबर के बाद अपनी स्वैच्छिक आपूर्ति में कटौती जारी रखने का फैसला करेंगे. शीर्ष तेल निर्यातकों सऊदी अरब और रूस ने पिछले सप्ताह पुष्टि की थी कि वे वर्ष के अंत तक अपने अतिरिक्त स्वैच्छिक तेल उत्पादन में कटौती जारी रखेंगे क्योंकि मांग और आर्थिक विकास पर चिंताएं कच्चे तेल के बाजारों पर बनी हुई हैं.

Oil prices ease
अमेरिका और चीन में घटी तेल की मांग, तो कीमत में आई नरमी

रिग गिनती क्या है?
पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन ओपेक+ और रूस सहित सहयोगी देशों की 26 नवंबर को बैठक होगी. ऊर्जा सेवा फर्म बेकर ह्यूजेस ने कहा कि आपूर्ति पक्ष पर, अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों ने लगातार दूसरे सप्ताह काम कर रहे तेल रिगों की संख्या में कटौती कर जनवरी 2022 के बाद से सबसे कम कर दिया है. रिग गिनती भविष्य के आउटपुट की ओर इशारा करती है.

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नई दिल्ली: अमेरिका और चीन में कच्चे तेल की मांग में जोरदार कमी आई है. जिसके चलते सोमवार को तेल की कीमतों में नरमी देखी गई. वहीं, इसका असर बाजार पर भी पड़ा है. जनवरी में ब्रेंट क्रूड वायदा 0051 जीएमटी पर 35 सेंट या 0.4 फीसदी की गिरावट के साथ 81.08 डॉलर प्रति बैरल पर था, जबकि दिसंबर के लिए यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड वायदा 35 सेंट या 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ 76.82 डॉलर पर था.

Oil prices ease
अमेरिका और चीन में घटी तेल की मांग, तो कीमत में आई नरमी

दोनों बेंचमार्क में पिछले शुक्रवार को लगभग 2 फीसदी की वृद्धि हुई क्योंकि इराक ने ओपेक+ द्वारा तेल कटौती के लिए समर्थन व्यक्त किया था, लेकिन सप्ताह के लिए लगभग 4 फीसदी की गिरावट आई, मई के बाद पहली बार उनका तीसरा साप्ताहिक घाटा हुआ है. अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस साल संयुक्त राज्य अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन पहले की अपेक्षा थोड़ा कम बढ़ेगा, जबकि मांग में गिरावट आएगी.

चीन दुनिया के सबसे बड़ा कच्चा तेल इंपोर्ट है
दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल इंपोर्ट चीन के पिछले सप्ताह कमजोर आर्थिक आंकड़ों से भी मांग में गिरावट की आशंका बढ़ती नजर आ रही है. इसके अलावा, चीन के रिफाइनर्स ने दिसंबर के लिए दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक सऊदी अरब से कम आपूर्ति की मांग की है. डब्ल्यूटीआई 75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचता है तो तेल की कीमतों को समर्थन मिलेगा.

अगर बाजार में और गिरावट आती है, तो उम्मीद है कि समर्थन खरीदारी देखने को मिलेगी कि सऊदी अरब और रूस दिसंबर के बाद अपनी स्वैच्छिक आपूर्ति में कटौती जारी रखने का फैसला करेंगे. शीर्ष तेल निर्यातकों सऊदी अरब और रूस ने पिछले सप्ताह पुष्टि की थी कि वे वर्ष के अंत तक अपने अतिरिक्त स्वैच्छिक तेल उत्पादन में कटौती जारी रखेंगे क्योंकि मांग और आर्थिक विकास पर चिंताएं कच्चे तेल के बाजारों पर बनी हुई हैं.

Oil prices ease
अमेरिका और चीन में घटी तेल की मांग, तो कीमत में आई नरमी

रिग गिनती क्या है?
पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन ओपेक+ और रूस सहित सहयोगी देशों की 26 नवंबर को बैठक होगी. ऊर्जा सेवा फर्म बेकर ह्यूजेस ने कहा कि आपूर्ति पक्ष पर, अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों ने लगातार दूसरे सप्ताह काम कर रहे तेल रिगों की संख्या में कटौती कर जनवरी 2022 के बाद से सबसे कम कर दिया है. रिग गिनती भविष्य के आउटपुट की ओर इशारा करती है.

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