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Dharavi Redevelopment Project में महाराष्ट्र सरकार ने HC में जमा किया हलफनामा, अडाणी को लेकर कही ये बात

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2023, 12:10 PM IST

दुनिया के सबसे बड़े स्लम एरिया में से एक धारावी के पुनर्विकास के लिए अडाणी समूह ने 29 नवंबर को 5,069 करोड़ रुपये के साथ बोली जीती थी. Adani Group ने डीएलएफ (₹2025 करोड़ की बोली लगाई थी) को पीछे छोड़ा था.

Dharavi Redevelopment Project
धारावी और अडाणी

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा है कि मुंबई में धारावी झोपड़पट्टी पुनर्विकास परियोजना के लिए 2022 में जारी की गई नई टेंडर पूरी तरह पारदर्शी थी और सबसे ऊंची बोली लगाने वाले अडाणी समूह को इसमें किसी तरह का अनुचित लाभ नहीं दिया गया था. सरकार ने इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल किया था.

यूएई की कंपनी ने अडाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लि. को परियोजना का ठेका देने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. हलफनामे में कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता ने बिना किसी आधार के राजनीति से प्रेरित होने निराधार आरोप लगाए हैं. इस रिट याचिका लागत के साथ खारिज किया जाना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ गुरुवार को याचिका पर सुनवाई करेगी.

राज्य के आवास विभाग के उप-सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता कंपनी ने पुरानी निविदा को रद्द करने के बारे में ‘झूठे और निराधार’ आरोप लगाए हैं. हम इन आरोपों को खारिज करते हैं. इसमें कहा गया है कि निविदा प्रक्रिया को रद्द करने की कार्रवाई में उचित प्रक्रिया का पालन किया गया. ‘मैं इन आरोपों से इनकार करता हूं कि नई निविदा अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए निकाली गई थी.’ सरकार ने कहा है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना काफी महत्वपूर्ण है और इससे हजारों लोगों की जिंदगी बदल जाएगी.

5,096 करोड़ में अडाणी ने बोली जीती थी
दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के पुनर्विकास के लिए अडाणी ग्रुप ने सबसे अधिक 5,096 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. और 259 हेक्टेयर में फैली इस धारावी के पुनर्विकास का टेंडर हासिल किया. इस परियोजना के तहत धारावी के 6.5 लाख लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को 405 वर्गफुट क्षेत्र वाले मकान दिए जाएंगे. जो कि 4 मंजिला इमारत होंगे. पहले अनुमान लगाया गया था कि परियोजना पर 28,000 करोड़ रुपये खर्च आएगा, हालांकि बाद में इसमें 20-30 फीसदी बढ़ोत्तरी की संभावना है.

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(भाषा के साथ एक्सट्रा इनपुट)

मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा है कि मुंबई में धारावी झोपड़पट्टी पुनर्विकास परियोजना के लिए 2022 में जारी की गई नई टेंडर पूरी तरह पारदर्शी थी और सबसे ऊंची बोली लगाने वाले अडाणी समूह को इसमें किसी तरह का अनुचित लाभ नहीं दिया गया था. सरकार ने इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल किया था.

यूएई की कंपनी ने अडाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लि. को परियोजना का ठेका देने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. हलफनामे में कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता ने बिना किसी आधार के राजनीति से प्रेरित होने निराधार आरोप लगाए हैं. इस रिट याचिका लागत के साथ खारिज किया जाना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ गुरुवार को याचिका पर सुनवाई करेगी.

राज्य के आवास विभाग के उप-सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता कंपनी ने पुरानी निविदा को रद्द करने के बारे में ‘झूठे और निराधार’ आरोप लगाए हैं. हम इन आरोपों को खारिज करते हैं. इसमें कहा गया है कि निविदा प्रक्रिया को रद्द करने की कार्रवाई में उचित प्रक्रिया का पालन किया गया. ‘मैं इन आरोपों से इनकार करता हूं कि नई निविदा अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए निकाली गई थी.’ सरकार ने कहा है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना काफी महत्वपूर्ण है और इससे हजारों लोगों की जिंदगी बदल जाएगी.

5,096 करोड़ में अडाणी ने बोली जीती थी
दुनिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के पुनर्विकास के लिए अडाणी ग्रुप ने सबसे अधिक 5,096 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. और 259 हेक्टेयर में फैली इस धारावी के पुनर्विकास का टेंडर हासिल किया. इस परियोजना के तहत धारावी के 6.5 लाख लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को 405 वर्गफुट क्षेत्र वाले मकान दिए जाएंगे. जो कि 4 मंजिला इमारत होंगे. पहले अनुमान लगाया गया था कि परियोजना पर 28,000 करोड़ रुपये खर्च आएगा, हालांकि बाद में इसमें 20-30 फीसदी बढ़ोत्तरी की संभावना है.

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(भाषा के साथ एक्सट्रा इनपुट)

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