हैदराबाद : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट 2023-24 भाषण में पर्सनल टैक्स सुर्खियों में था, Tax Payers इससे जुड़ी घोषणा का बेसब्री से इंतजार करते हैं. निर्मला सीतारमण ने भी टैक्सपेयर्स को निराश न करते हुए इस संबंध में बड़ी घोषणा की. New Tax Regime (NTR) में 7 लाख रुपये तक के सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. जबकि Old Tax Regime (OTR) में 5 लाख रुपये सालाना आय पर टैक्स नहीं देना होता है. पर सवाल उठता है कि नए टैक्स रिजिम और पुराने टैक्स रिजिम में कौन बेहतर है?
नई कर व्यवस्था के तहत नए टैक्स स्लैब 0-3 लाख (कोई टैक्स नहीं), 3-6 लाख (5% टैक्स), 6-9 लाख (10%), 9-12 लाख (15%), 12-15 लाख (20%) और 15 लाख से ऊपर पर (30%) टैक्स देना होगा. 50,000 रुपये की मानक कटौती के अलावा, NTR किसी अन्य छूट और कटौती की अनुमति नहीं देता है. यह भी ध्यान दें कि दोनों रेजिम के तहत 50,000 रुपये की मानक कटौती केवल सैलरी इनकम में लागू होती है, न कि किसी अन्य सोर्स से.
नए और पुराने टैक्स रिजिम में कौन बेहतर?
मान लिजिए अगर किसी व्यक्ति की सालाना इनकम 10 लाख रुपये है, तो नई कर व्यवस्था के तहत उसे 60,000 रुपये इनकम टैक्स भरना होगा. जबकि पुराने कर व्यवस्था में टैक्सपेयर्स को 1,12,500 रुपये टैक्स भरना होगा. जिस पर 4 फीसदी एजुकेशन सेस अलग से लगता है. इस तरह 10 लाख रुपये तक के इनकम पर नई कर व्यवस्था में 52,500 रुपये टैक्स की बचत होगी.
वहीं, अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय 15 लाख रुपये है, तो नए टैक्स रिजिम के तहत 1,50,000 रुपये टैक्स देना होगा. जबकि पुराने कर व्यवस्था में 2,62,500 रुपये टैक्स चुकाना होगा. जिस पर 4 प्रतिशत अलग से एजुकेशन सेस देना होगा. यानी जिस व्यक्ति की इनकम 15 लाख रुपये है, उन्हें नई कर व्यवस्था में 1,12,500 रुपये कम टैक्स देना होगा.
टैक्स के एक्सपर्ट के अनुसार नया टैक्स रिजिम उन टैक्सपेयर्स को लुभा सकता है, जो डिडक्शन और HRA का लाभ नहीं लेता है. हालांकि डिडक्शन का लाभ लेने वाले टैक्सपेयर्स के लिए अभी भी पुरानी टैक्स रिजिम लुभा सकती है. नीचे दिया गया चार्ट अलग अलग वेतन आय के लिए कटौती की सीमा को दर्शाता है, जो एक टैक्सपेयर्स को यह तय करने में मदद करेगा कि कौन सी कर व्यवस्था उसके लिए बेहतर है.
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