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RBI Deputy Governor : ग्रोथ को बनाए रखने के लिए मल्टी-डायमेंशनल नीतिगत प्रतिक्रिया की जरूरत

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Published : Jun 12, 2023, 1:39 PM IST

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए मल्टी- डायमेंशनल नीतियों पर जोर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

RBI Deputy Governor M D Patra
आरबीआई डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा

मुंबई : रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी राय रखी है. उन्होंने ऐसे समय में उत्पादकता और विकास को बनाए रखने के लिए बहु-आयामी (Multi Dimensional) नीति प्रतिक्रिया की वकालत की है, जब अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कई कारक काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जब कई कारक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं, इस तरह की कार्रवाई जरूरी हो जाती है.

उन्होंने कहा कि नीतिगत प्रतिक्रिया को तकनीकी पूंजी, शोध और विकास में दीर्घकालिक निवेश, कौशल विकास और भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण से समर्थन मिलना चाहिए. पात्रा ने लोनावाला में रविवार को छठे एशिया KLEMS सम्मेलन में कहा कि उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) को उत्पादकता वृद्धि के लिए सेवा क्षेत्र की क्षमता का लाभ उठाने की जरूरत है.

RBI deputy governor M D Patra ने कहा कि आईसीटी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, शिपिंग, लॉजिस्टिक्स और रेगुलेशन से जुड़ी व्यापार लागतों में कमी हासिल करने और सहायक व्यवसाय-सक्षम सुधारों से इस प्रयास में निजी क्षेत्र को शामिल करने में मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि खासतौर से महिलाओं और पुराने श्रमिकों के बीच श्रम बल की भागीदारी दर बढ़ाने से भी उत्पादकता को बढ़ावा मिल सकता है. लेकिन इसके लिए कार्यकुशलता, पुनर्प्रशिक्षण और बदलती तकनीक के अनुरूप नए कौशल के अधिग्रहण में निवेश की आवश्यकता होगी.

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(पीटीआई- भाषा)

मुंबई : रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी राय रखी है. उन्होंने ऐसे समय में उत्पादकता और विकास को बनाए रखने के लिए बहु-आयामी (Multi Dimensional) नीति प्रतिक्रिया की वकालत की है, जब अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कई कारक काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जब कई कारक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं, इस तरह की कार्रवाई जरूरी हो जाती है.

उन्होंने कहा कि नीतिगत प्रतिक्रिया को तकनीकी पूंजी, शोध और विकास में दीर्घकालिक निवेश, कौशल विकास और भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण से समर्थन मिलना चाहिए. पात्रा ने लोनावाला में रविवार को छठे एशिया KLEMS सम्मेलन में कहा कि उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) को उत्पादकता वृद्धि के लिए सेवा क्षेत्र की क्षमता का लाभ उठाने की जरूरत है.

RBI deputy governor M D Patra ने कहा कि आईसीटी इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, शिपिंग, लॉजिस्टिक्स और रेगुलेशन से जुड़ी व्यापार लागतों में कमी हासिल करने और सहायक व्यवसाय-सक्षम सुधारों से इस प्रयास में निजी क्षेत्र को शामिल करने में मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि खासतौर से महिलाओं और पुराने श्रमिकों के बीच श्रम बल की भागीदारी दर बढ़ाने से भी उत्पादकता को बढ़ावा मिल सकता है. लेकिन इसके लिए कार्यकुशलता, पुनर्प्रशिक्षण और बदलती तकनीक के अनुरूप नए कौशल के अधिग्रहण में निवेश की आवश्यकता होगी.

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(पीटीआई- भाषा)

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