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Laptop News: 44 प्रमुख लैपटॉप कंपनियां भारत में बनाएंगी अपने प्रोडक्ट्स, करावाया रजिस्ट्रेशन

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Published : Aug 6, 2023, 9:56 AM IST

केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पीसी के आयात पर लाइसेंस अनिवार्यता 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है. वहीं, दूसरी तरफ लैपटॉप और पीसी बनाने के लिए 44 आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. पढ़ें पूरी खबर...

Laptop News
लैपटॉप

नई दिल्ली : वैश्विक स्तर के पर्सनल कम्प्यूटर (पीसी) विनिर्माताओं सहित लगभग 44 आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने भारत में लैपटॉप, टैबलेट और पीसी बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. एक आधिकारिक सूत्र ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने किसी कंपनी का नाम लिए बिना कहा कि देश में आईटी हार्डवेयर विनिर्माण में उस सफलता को दोहराने की उम्मीद है, जो उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मोबाइल फोन विनिर्माण में मिली.

अधिकारी ने कहा-
'प्रमुख लैपटॉप कंपनियों ने पीएलआई के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है और उनमें से कुछ किसी भी समय भारत में विनिर्माण शुरू कर सकती हैं. वैश्विक सर्वर कंपनियों ने कहा है कि वे भारत को एक निर्यात केंद्र बनाना चाहती हैं.'

देश में लैपटॉप का बाजार सालाना आठ अरब अमेरिकी डॉलर
सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तहत आईटी हार्डवेयर विनिर्माण की आखिरी तारीख 30 अगस्त तय की है. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार जून 2023 तिमाही में पीसी खंड में लेनोवो, एचपी, डेल, एप्पल और एसर शीर्ष पांच कंपनियां थीं. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के शोध निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि भारत में कुल लैपटॉप और पीसी बाजार सालाना आठ अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है. इसमें लगभग 65 प्रतिशत इकाइयां आयात की जाती हैं.

31 अक्टूबर तक बिना लाइसेंस के आयात की अनुमति
दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए लैपटॉप, टैबलेट्स और पर्सनल कंप्यूटर के इंपोर्ट पर रोक लगा दी थी. विदेशी कंपनियों को बैन सामानों के आयात के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया था. हालांकि सरकार ने कई कड़े नियम को फिलहाल 31 अकटूबर तक के लिए टाल दिया है. यानी और तीन महीने तक लाइसेंस के बिना लैपटॉप, टैबलेट्स और पर्सनल कंप्यूटर का आयात किया जा सकता है.

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(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : वैश्विक स्तर के पर्सनल कम्प्यूटर (पीसी) विनिर्माताओं सहित लगभग 44 आईटी हार्डवेयर कंपनियों ने भारत में लैपटॉप, टैबलेट और पीसी बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. एक आधिकारिक सूत्र ने शनिवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने किसी कंपनी का नाम लिए बिना कहा कि देश में आईटी हार्डवेयर विनिर्माण में उस सफलता को दोहराने की उम्मीद है, जो उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत मोबाइल फोन विनिर्माण में मिली.

अधिकारी ने कहा-
'प्रमुख लैपटॉप कंपनियों ने पीएलआई के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है और उनमें से कुछ किसी भी समय भारत में विनिर्माण शुरू कर सकती हैं. वैश्विक सर्वर कंपनियों ने कहा है कि वे भारत को एक निर्यात केंद्र बनाना चाहती हैं.'

देश में लैपटॉप का बाजार सालाना आठ अरब अमेरिकी डॉलर
सरकार ने 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना के तहत आईटी हार्डवेयर विनिर्माण की आखिरी तारीख 30 अगस्त तय की है. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार जून 2023 तिमाही में पीसी खंड में लेनोवो, एचपी, डेल, एप्पल और एसर शीर्ष पांच कंपनियां थीं. काउंटरप्वाइंट रिसर्च के शोध निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि भारत में कुल लैपटॉप और पीसी बाजार सालाना आठ अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है. इसमें लगभग 65 प्रतिशत इकाइयां आयात की जाती हैं.

31 अक्टूबर तक बिना लाइसेंस के आयात की अनुमति
दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए लैपटॉप, टैबलेट्स और पर्सनल कंप्यूटर के इंपोर्ट पर रोक लगा दी थी. विदेशी कंपनियों को बैन सामानों के आयात के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया था. हालांकि सरकार ने कई कड़े नियम को फिलहाल 31 अकटूबर तक के लिए टाल दिया है. यानी और तीन महीने तक लाइसेंस के बिना लैपटॉप, टैबलेट्स और पर्सनल कंप्यूटर का आयात किया जा सकता है.

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(पीटीआई-भाषा)

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