नई दिल्ली : वृहद आर्थिक आंकड़े, वैश्विक रुझान और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियां इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. बीते सप्ताह वैश्विक स्तर पर कई नकारात्मक कारकों के बावजूद व्यापक बाजार में तेजी रही. इस दौरान बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप शुक्रवार को अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गए.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘बीते सप्ताह बाजार में तेजी के बावजूद संस्थागत निवेशक पूरे हफ्ते शुद्ध बिकवाल बने रहे. ऐसे में आगे चलकर संस्थागत निवेशकों का प्रवाह महत्वपूर्ण रहेगा.’ उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर सभी का ध्यान कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव, डॉलर सूचकांक और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल पर रहेगा.
मीणा ने कहा कि मुद्रास्फीति और ईसीबी बैठक के नतीजे भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे. औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े 12 सितंबर को आएंगे. घरेलू स्तर पर जुलाई के आईआईपी और अगस्त के मुद्रास्फीति के आंकड़ों की घोषणा मंगलवार को होगी. वृहद मोर्चे पर बाजार कुछ प्रमुख घरेलू घटनाक्रमों मसलन उपभोक्ता और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति, आईआईपी और विनिर्माण उत्पादन के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देगा.
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा,
'इस सप्ताह जो प्रमुख वैश्विक घटनाक्रम बाजार को प्रभावित करेंगे उनमें अमेरिका के महंगाई और बेरोजगारी दावों के आंकड़े, औद्योगिक उत्पादन, कच्चे तेल का भंडार और ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और आईआईपी के आंकड़े शामिल हैं.’
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वर्तमान में बाजार आगे की दिशा के लिए मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. पिछले सप्ताह, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 878.4 अंक या 1.34 प्रतिशत के लाभ में रहा. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 384.65 अंक या 1.97 प्रतिशत चढ़ गया. मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद बाजार में लगातार छठे सत्र में तेजी जारी रही, क्योंकि निवेशक भारत की मजबूत वृद्धि संभावनाओं को लेकर आशान्वित हैं.
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(पीटीआई- भाषा)