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एलआईसी के आईपीओ के लिए बड़े निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी - एलआईसी आईपीओ में निवेशकों की रूचि

एलआईसी अगले महीने आईपीओ जारी कर रहा है. इसको लेकर निवेशकों में काफी उत्साह है. यहां तक कि 25 बड़े निवेशकों, जिन्हें एंकर निवेशक कहा जाता है, ने इसमें निवेश करने की अपनी इच्छा पहले ही जता दी है. 21,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एलआईसी अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. (LIC IPO Anchor Investors).

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Published : Apr 29, 2022, 6:12 PM IST

कोलकाता : सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए देश-विदेश के 25 से अधिक बड़े (एंकर) निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है. सरकार अगले महीने बाजार से 21,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. वर्ष 1956 में एलआईसी के गठन के समय सरकार ने पांच करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया था. (LIC IPO Anchor Investors).

एलआईसी के आईपीओ प्रबंधन के लिए नियुक्त फर्मों में से एक के अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि निर्गम के दौरान 50 फीसदी शेयर पात्र संस्थागत आवंटन (क्यूआईपी) के लिए रखे गए हैं जिनमें एंकर निवेशक भी शामिल हैं. अधिकारी ने कहा कि क्यूआईपी के लिए आरक्षित शेयरों में से 35 फीसदी हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा. एंकर निवेशकों के लिए निर्गम दो मई को खुलेगा. अधिकारी ने बताया कि एलआईसी के इस निर्गम में 35 फीसदी शेयर खुदरा निवेशकों के लिए, 15 फीसदी शेयर बड़ी हैसियत वाले व्यक्तियों (एचएनआई) और 10 फीसदी शेयर पॉलिसी धारकों के लिए आरक्षित किए जा रहे हैं.

एलआईसी के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि आईपीओ के जरिये सरकारी हिस्सेदारी में कुछ कमी होने के बावजूद एलआईसी अधिनियम की धारा 37 के तहत इस पर सरकार का नियंत्रण बना रहेगा. उन्होंने कहा कि एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम नहीं होगी. मोहंती ने एक सवाल के जवाब में कहा, "सरकार ने एलआईसी की तरफ से नए शेयर जारी करने का रास्ता नहीं अपनाया. इसके बजाय मौजूदा शेयरों की ही बिक्री करने का विकल्प चुना गया."

मोहंती ने कहा कि केंद्र ने पिछले दो वर्षों में एलआईसी से लाभांश नहीं लिया और 5,600 करोड़ रुपये वापस भी कर दिए. इस तरह एलआईसी के पास पर्याप्त नकदी है. आईपीओ आने के बाद एलआईसी का संचालन एक पेशेवर निदेशक मंडल करेगा, जिसमें नौ स्वतंत्र निदेशक शामिल होंगे. मोहंती के मुताबिक चेयरमैन का पद वरष 2024 तक ही रहेगा और उसके बाद प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) की तैनाती होगी.

ये भी पढ़ें : LIC 17 मई को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होगी

(एजेंसी)

कोलकाता : सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए देश-विदेश के 25 से अधिक बड़े (एंकर) निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है. सरकार अगले महीने बाजार से 21,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है. वर्ष 1956 में एलआईसी के गठन के समय सरकार ने पांच करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया था. (LIC IPO Anchor Investors).

एलआईसी के आईपीओ प्रबंधन के लिए नियुक्त फर्मों में से एक के अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि निर्गम के दौरान 50 फीसदी शेयर पात्र संस्थागत आवंटन (क्यूआईपी) के लिए रखे गए हैं जिनमें एंकर निवेशक भी शामिल हैं. अधिकारी ने कहा कि क्यूआईपी के लिए आरक्षित शेयरों में से 35 फीसदी हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा. एंकर निवेशकों के लिए निर्गम दो मई को खुलेगा. अधिकारी ने बताया कि एलआईसी के इस निर्गम में 35 फीसदी शेयर खुदरा निवेशकों के लिए, 15 फीसदी शेयर बड़ी हैसियत वाले व्यक्तियों (एचएनआई) और 10 फीसदी शेयर पॉलिसी धारकों के लिए आरक्षित किए जा रहे हैं.

एलआईसी के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि आईपीओ के जरिये सरकारी हिस्सेदारी में कुछ कमी होने के बावजूद एलआईसी अधिनियम की धारा 37 के तहत इस पर सरकार का नियंत्रण बना रहेगा. उन्होंने कहा कि एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम नहीं होगी. मोहंती ने एक सवाल के जवाब में कहा, "सरकार ने एलआईसी की तरफ से नए शेयर जारी करने का रास्ता नहीं अपनाया. इसके बजाय मौजूदा शेयरों की ही बिक्री करने का विकल्प चुना गया."

मोहंती ने कहा कि केंद्र ने पिछले दो वर्षों में एलआईसी से लाभांश नहीं लिया और 5,600 करोड़ रुपये वापस भी कर दिए. इस तरह एलआईसी के पास पर्याप्त नकदी है. आईपीओ आने के बाद एलआईसी का संचालन एक पेशेवर निदेशक मंडल करेगा, जिसमें नौ स्वतंत्र निदेशक शामिल होंगे. मोहंती के मुताबिक चेयरमैन का पद वरष 2024 तक ही रहेगा और उसके बाद प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) की तैनाती होगी.

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(एजेंसी)

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