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Clean Note Policy : जानिए क्या है RBI की क्लीन नोट पॉलिसी, जिसका शक्तिकांत ने किया जिक्र

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने बताया कि 2000 रुपये के नोट Clean Note Policy के तहत वापस लिए गए हैं. आइए जानते हैं कि क्लीन नोट पॉलिसी क्या है और ये कैसे काम करता है...

RBI Governor Shaktikanta Das
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास
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Published : May 22, 2023, 2:03 PM IST

Updated : May 22, 2023, 2:28 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) पहली बार 2000 के रुपये के नोट चलन से बाहर किए जाने पर बोलें. उन्होंने कहा कि 2000 रुपये को वापस लेने का फैसला क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया गया है. आइए जानते हैं कि यह Clean Note Policy क्या है...

क्या है क्लीन नोट पॉलिसी ?
क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई यह सुनिश्चित करता है कि अच्छे क्वालिटी के बैंक नोट लोगों तक पहुंचे. साथ ही इस पॉलिसी के माध्यम से देश की करेंसी सिस्टम को शुद्ध बनाए रखने की कोशिश की जाती है. Clean Note Policy के तहत डैमेज, नकली और गंदे नोटों को हटाकर उसकी जगह मार्केट में साफ व बेहतर नोटों की सप्लाई करके भारतीय मुद्रा की अखंडता को बनाए रखा जाता है.

Clean Note Policy
2000 रुपये के नोट चलन से बाहर

क्लीन नोट पॉलिसी का फायदा
नोटों को चलन में बनाए रखने के लिए यह आरबाआई की काफी अहम पॉलिसी मानी जाती है. नई क्लीन नोट पॉलिसी को साल 2018 में लागू किया गया था. इस पॉलिसी के तहत बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट को यह आदेश दिया जाता है कि वह गंदे, खराब और डेमेज नोटों को अच्छे नोटों के साथ बदल लें. आपको बता दें कि नोटबंदी का चलन भारत नें नया नहीं है. आरबीआई समय- समय पर नोटबंदी का ऐलान करती रहती है. देश में पहली बार नोटबंदी साल 1946 में की गई थी.

पढे़ें : Rs 2000 Note Exchange : बिना कोई फॉर्म और केवाईसी के ही बदल सकेंगे 2000 रु. के नोट

2000 रुपये नोट की छपाई 2018 में बंद
आरबीआई ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐलान किया. हालांकि नोटों को बैंक में बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. आपको बता दें कि 8 नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया गया था. जिसके तहत 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद कर दिए गए थे और उसकी जगह 2000 रुपये के नए नोट चलन में लाए गए. लेकिन अब इन नोटों को भी बैन किया जा रहा है. विदित हो कि सेंट्रल बैंक ने 2000 रुपये के नोटों की छपाई 2018 में ही बंद कर दी थी.

मार्केट में कितने है 2000 रुपये के नोट
एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 31 लाख 33 हजार करोड़ रुपये के नोट चलन में हैं. इसमें से 2000 रुपये के नोट कुल 3 लाख 13 हजार करोड़ रुपये हैं. बता दें कि मार्च 2018 में 6.73 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोट चलन में मौजूद थे, लेकिन मार्च 2023 में 2000 रुपये के नोट की संख्या घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गई थी.

2000 रुपये के नोट पर बोले शक्तिकांत
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि 2000 रुपये के नोट बदलने के लिए आम जनता के पास 4 महीने का समय है. लोग नोट बदलने के लिए अफरातफरी न करें. आराम से नोट बदलें. बैंकों को इससे संबंधित जरूरी दिशा- निर्देश जारी किया जा चुका है. अगर फिर भी लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो वह बैंक या आरबीआई से संपर्क कर सकता है.

पढ़ें : RBI on Exchange of Rs2000: दो हजार के नोटबंदी पर RBI गवर्नर बोले- हमारा मकसद पूरा हुआ

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) पहली बार 2000 के रुपये के नोट चलन से बाहर किए जाने पर बोलें. उन्होंने कहा कि 2000 रुपये को वापस लेने का फैसला क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया गया है. आइए जानते हैं कि यह Clean Note Policy क्या है...

क्या है क्लीन नोट पॉलिसी ?
क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई यह सुनिश्चित करता है कि अच्छे क्वालिटी के बैंक नोट लोगों तक पहुंचे. साथ ही इस पॉलिसी के माध्यम से देश की करेंसी सिस्टम को शुद्ध बनाए रखने की कोशिश की जाती है. Clean Note Policy के तहत डैमेज, नकली और गंदे नोटों को हटाकर उसकी जगह मार्केट में साफ व बेहतर नोटों की सप्लाई करके भारतीय मुद्रा की अखंडता को बनाए रखा जाता है.

Clean Note Policy
2000 रुपये के नोट चलन से बाहर

क्लीन नोट पॉलिसी का फायदा
नोटों को चलन में बनाए रखने के लिए यह आरबाआई की काफी अहम पॉलिसी मानी जाती है. नई क्लीन नोट पॉलिसी को साल 2018 में लागू किया गया था. इस पॉलिसी के तहत बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट को यह आदेश दिया जाता है कि वह गंदे, खराब और डेमेज नोटों को अच्छे नोटों के साथ बदल लें. आपको बता दें कि नोटबंदी का चलन भारत नें नया नहीं है. आरबीआई समय- समय पर नोटबंदी का ऐलान करती रहती है. देश में पहली बार नोटबंदी साल 1946 में की गई थी.

पढे़ें : Rs 2000 Note Exchange : बिना कोई फॉर्म और केवाईसी के ही बदल सकेंगे 2000 रु. के नोट

2000 रुपये नोट की छपाई 2018 में बंद
आरबीआई ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐलान किया. हालांकि नोटों को बैंक में बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. आपको बता दें कि 8 नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला लिया गया था. जिसके तहत 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद कर दिए गए थे और उसकी जगह 2000 रुपये के नए नोट चलन में लाए गए. लेकिन अब इन नोटों को भी बैन किया जा रहा है. विदित हो कि सेंट्रल बैंक ने 2000 रुपये के नोटों की छपाई 2018 में ही बंद कर दी थी.

मार्केट में कितने है 2000 रुपये के नोट
एक रिपोर्ट के अनुसार देश में 31 लाख 33 हजार करोड़ रुपये के नोट चलन में हैं. इसमें से 2000 रुपये के नोट कुल 3 लाख 13 हजार करोड़ रुपये हैं. बता दें कि मार्च 2018 में 6.73 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोट चलन में मौजूद थे, लेकिन मार्च 2023 में 2000 रुपये के नोट की संख्या घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गई थी.

2000 रुपये के नोट पर बोले शक्तिकांत
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि 2000 रुपये के नोट बदलने के लिए आम जनता के पास 4 महीने का समय है. लोग नोट बदलने के लिए अफरातफरी न करें. आराम से नोट बदलें. बैंकों को इससे संबंधित जरूरी दिशा- निर्देश जारी किया जा चुका है. अगर फिर भी लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो वह बैंक या आरबीआई से संपर्क कर सकता है.

पढ़ें : RBI on Exchange of Rs2000: दो हजार के नोटबंदी पर RBI गवर्नर बोले- हमारा मकसद पूरा हुआ

Last Updated : May 22, 2023, 2:28 PM IST
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