नयी दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भरोसेमंद आर्थिक वृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए मुद्रास्फीति को काबू में करना सरकार की प्राथमिकता है. सीतारमण ने यहां बी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक लंबी अवधि तक ब्याज दरों के ऊंचे स्तर पर रहने से आर्थिक गतिविधियों के पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
सीतारमण ने कहा-
‘इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए मेरी प्राथमिकता मुद्रास्फीति को काबू में रखने की है.'
खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई के महीने में बढ़कर 7.44 प्रतिशत हो गई जो पिछले 15 महीनों का उच्च स्तर है. इसमें टमाटर समेत मौसमी सब्जियों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की अहम भूमिका रही है. हालांकि वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में अच्छी रहनी चाहिए. इस तिमाही के आंकड़े 31 अगस्त को जारी होने वाले हैं.
एफपीआई को लुभाने के लिए सुधार
उन्होंने कहा, ‘भारत आर्थिक सुधारों की रफ्तार तेज करने में सफल रहा है. इसकी वजह से अप्रैल-जून तिमाही की वृद्धि दर का आंकड़ा अच्छा रहना चाहिए.’ सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक पूंजीगत व्यय बढ़ाने का बजट में ऐलान किए जाने के बाद निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय के सकारात्मक संकेत भी नजर आने लगे हैं. उन्होंने विदेशी निवेश को आर्थिक वृद्धि के लिए अहम बताते हुए कहा कि सरकार ने निवेश आकर्षित करने के लिए कई सुधार किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने जलवायु परिवर्तन से संबंधित गतिविधियों के लिए वित्तपोषण का भी उल्लेख किया.
(पीटीआई-भाषा)