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GTRI Report : इजरायल-हमास युद्ध का असर भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे प्रोजेक्ट पर पड़ सकता - भारत और पश्चिम एशिया यूरोप आर्थिक गलियारा

थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (Global Trade Research Initiative 'GTRI') ने रिपोर्ट जारी कर कहा कि इजरायल-हमास संघर्ष (Israel-Hamas conflict) का असर भारत और पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा परियोजना पर पड़ सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

GTRI Report
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव रिपोर्ट
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By PTI

Published : Oct 14, 2023, 4:36 PM IST

नई दिल्ली: थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (Global Trade Research Initiative 'GTRI') ने कहा है कि इजरायल-हमास संघर्ष (Israel–Hamas conflict) के कारण भारत -पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा परियोजना (India-Middle East-Europe Economic Corridor Project 'IMEEC') में देरी और जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. जीटीआरआई ने कहा कि हालांकि संघर्ष के तात्कालिक परिणाम इजराइल और गाजा तक ही सीमित हैं, लेकिन पूरे पश्चिम एशिया में इसके प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता है.

थिंक टैंक (Think Tank) ने कहा कि संघर्ष इजरायल और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते की संभावना को पटरी से उतार सकता है, जो भारत-पश्चिम एशिया -यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईईसी) ढांचे में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं. हालांकि, सऊदी अरब और इजराइल के बीच ऐतिहासिक रूप से कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं, लेकिन हाल के वर्षों के दौरान संबंधों में नरमी के संकेत देखे गए हैं.

इजराइल-हमास संघर्ष का असर आईएमईईसी पर
जीटीआरआई (GTRI) के सह-संस्थापक (Co-Founder) अजय श्रीवास्तव ने कहा कि युद्ध की स्थिति में दोनों देशों के बीच बातचीत पटरी से उतर सकती है. उन्होंने कहा कि मौजूदा इजराइल-हमास संघर्ष परियोजना की समयसीमा और परिणामों को बाधित कर सकता है. हालांकि, युद्ध का डाटरेक्ट प्रभाव स्थानीय स्तर तक सीमित है, लेकिन इसके भू-राजनीतिक परिणाम बहुत दूर तक होंगे.

आईएमईईसी (IMEEC) एक प्रस्तावित आर्थिक गलियारा (Corridor) है, जिसका उद्देश्य एशिया, फारस की खाड़ी और यूरोप के बीच संपर्क और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है. यह गलियारा भारत से लेकर यूरोप तक फैला होगा.

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थिंक टैंक (Think Tank) ने कहा कि संघर्ष इजरायल और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते की संभावना को पटरी से उतार सकता है, जो भारत-पश्चिम एशिया -यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईईसी) ढांचे में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं. हालांकि, सऊदी अरब और इजराइल के बीच ऐतिहासिक रूप से कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं, लेकिन हाल के वर्षों के दौरान संबंधों में नरमी के संकेत देखे गए हैं.

इजराइल-हमास संघर्ष का असर आईएमईईसी पर
जीटीआरआई (GTRI) के सह-संस्थापक (Co-Founder) अजय श्रीवास्तव ने कहा कि युद्ध की स्थिति में दोनों देशों के बीच बातचीत पटरी से उतर सकती है. उन्होंने कहा कि मौजूदा इजराइल-हमास संघर्ष परियोजना की समयसीमा और परिणामों को बाधित कर सकता है. हालांकि, युद्ध का डाटरेक्ट प्रभाव स्थानीय स्तर तक सीमित है, लेकिन इसके भू-राजनीतिक परिणाम बहुत दूर तक होंगे.

आईएमईईसी (IMEEC) एक प्रस्तावित आर्थिक गलियारा (Corridor) है, जिसका उद्देश्य एशिया, फारस की खाड़ी और यूरोप के बीच संपर्क और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है. यह गलियारा भारत से लेकर यूरोप तक फैला होगा.

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