नई दिल्ली: भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) के शेयर सोमवार, 15 जनवरी को एक बार फिर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए है. स्टॉक अब अपने आईपीओ मूल्य 26 रुपये से 5 गुना ऊपर है. 12 जनवरी को पिछले व्यापार सत्र के दौरान आईआरएफसी शेयरों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद आया है, जब स्टॉक अपने आईपीओ मूल्य से 4 गुना ऊपर था.
आईआरएफसी 2021 का पहला आईपीओ था और इसने अपने इश्यू प्राइस पर शेयर बाजार में भी डेब्यू किया था. बता दें कि अप्रैल 2023 तक, स्टॉक अपने आईपीओ मूल्य के आसपास, 26- 30 रुपये के दायरे में था. उसके बाद से ही स्टॉक तीन गुना से अधिक हो गया है और नए साल में भी इसमें वृद्धि जारी रही है. अगस्त में शेयरों में 31 फीसदी, सितंबर में 52 फीसदी और पिछले साल दिसंबर में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
2024 के पहले कुछ दिनों में अब तक शेयरों में 31.78 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. 32,000 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटल के साथ शेयर बाजार में डेब्यू करने के बाद, कंपनी का वर्तमान बाजार पूंजीकरण अब 1.74 लाख करोड़ रुपये के करीब है, जिससे यह सबसे मूल्यवान रेलवे स्टॉक बन गया है. अपने मौजूदा बाजार मूल्य पर, आईआरएफसी 3.7 गुना प्राइस-टू-बुक पर कारोबार कर रहा है.
सरकार के पास अभी हिस्सेदारी
सरकार के पास अभी भी आईआरएफसी में 86.36 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य अब लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये है. यह न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों से अधिक है. आईआरएफसी में अतिरिक्त सरकारी हिस्सेदारी का मूल्य भी 19,741 करोड़ रुपये से अधिक है. भारत के घरेलू म्यूचुअल फंडों की कंपनी में सिर्फ 0.5 फीसदी हिस्सेदारी है.
नुवामा नोट के अनुसार, इस साल जनवरी से अप्रैल के दौरान 54 कंपनियों के 563 करोड़ से अधिक शेयरों को व्यापार के लिए मुक्त किया जाएगा. इनमें से 46 फीसदी या 260 करोड़ से ज्यादा शेयर IRFC के हैं. इस साल 29 जनवरी को लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद आईआरएफसी की बकाया इक्विटी का 20 फीसदी व्यापार के लिए पात्र हो जाएगा.