नई दिल्ली: इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति कुछ दिनों पहले हफ्ते में 70 घंटे काम करने को लेकर बात कही थी. जिसके बाद कई लोगों ने उसपर अपनी प्रतिक्रिया दी. हाल ही में नारायण मूर्ति ने मीडिया से बात करने के दौरान बताया कि उन्होंने 1994 तक प्रति सप्ताह 85 से 90 घंटे से अधिक काम किया था. उन्होंने ईटी को इंटरव्यू में बताया कि वह सुबह 6:20 बजे ऑफिस में चले जाते थे और रात 8:30 बजे ऑफिस से घर आते थे. उन्होंने बताया कि हफ्ते में छह दिन काम किया करते थे. नारायण मूर्ति ने कहा कि मैं जो भी देश समृद्ध हुआ, उसने कड़ी मेहनत से ऐसा किया है.
मूर्ति ने बताया गरीबी खत्म करने का तरीका
नारायण मूर्ति ने बताया कि उनके माता-पिता ही थे जिन्होंने उन्हें सिखाया कि कड़ी मेहनत करना ही गरीबी से बचने का एकमात्र तरीका है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि उनके अनुसार, यह तब होता है जब किसी को प्रत्येक घंटे से सबसे अधिक उत्पादकता मिलती है. उन्होंने कहा कि मेरे पूरे 40 से अधिक वर्षों के पेशेवर जीवन के दौरान सप्ताह में 70 घंटे काम किया है.
सप्ताह में 85 से 90 घंटे करते थे काम
इंफोसिस के सह-संस्थापक ने कहा कि साल 1994 तक सप्ताह में कम से कम 85 से 90 घंटे काम किया करते थे, यह बर्बादी नहीं है. इससे पहले अक्टूबर में मूर्ति ने इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई से कहा था कि भारत को चीन और जापान से प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपनी कार्य उत्पादकता बढ़ानी होगी. इससे पहले नारायण मूर्ति ने भारतीयों को प्रति सप्ताह कम से कम 70 घंटे काम करने का सुझाव दिया था.