नयी दिल्ली: खाद्य वस्तुओं के दाम गिरने से सितंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर तीन महीनों के निचले स्तर 5.02 फीसदी पर आ गई. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 5.02 फीसदी रही जबकि एक साल पहले सितंबर में यह 7.41 फीसदी थी.
अगस्त, 2023 में खुदरा मुद्रास्फीति 6.83 फीसदी रही थी. इस तरह खुदरा मुद्रास्फीति जून, 2023 के बाद सितंबर में सबसे कम रही है. जून में यह 4.87 फीसदी रही थी. खुदरा मुद्रास्फीति दो महीने के अंतराल के बाद फिर से रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में आ गई है. रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार फीसदी पर रखने का दायित्व मिला हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में खाद्य उत्पादों की कीमतें घटने से खाद्य मुद्रास्फीति 6.56 फीसदी पर आ गई जबकि अगस्त में यह 9.94 फीसदी रही थी. आरबीआई द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है.
जुलाई में महंगाई 15 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी. उस समय देश में सब्जियों की कीमत में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी, खासकर टमाटर की कीमत ने तो आसमान छू लिया था. इसके बाद अगस्त में जा के मामूली गिरावट हुई, जो आरबीआई के दायरें से ऊपर थी.