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इंडियन ऑयल के चेयरमैन कंपनी के प्रबंध निदेशक भी होंगे - oil and natural gas corporation

अधिकांश कंपनियों का प्रबंध निदेशक या सीईओ और चेयरमैन के द्वारा संचालन किया जाता है. इससे इतर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में ऐसा नहीं है. बताया जा रहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय इस व्यवस्था में बदलाव कर सकता है.

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इंडियन ऑयल
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Published : Jan 8, 2023, 6:44 PM IST

नई दिल्ली : वैश्विक स्तर पर ज्यादातर बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों का संचालन प्रबंध निदेशक या मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) और एक चेयरमैन द्वारा किया जाता है. इनके ऊपर निदेशक मंडल होते हैं, जिनकी प्राथमिक जिम्मेदारी निवेशकों के हितों की रक्षा करने की होती है. भारत की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) इसका अपवाद है, क्योंकि कंपनी में कभी कोई प्रबंध निदेशक या सीईओ नहीं रहा.

आईओसी का नेतृत्व हमेशा चेयरमैन के पास रहता है, जो एक प्रबंध निदेशक या सीईओ की भूमिका भी निभाते हैं. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय जल्द ही इस व्यवस्था में बदलाव कर सकता है. कंपनी लंबे समय से इस बदलाव की मांग कर रही थी, ताकि दूसरे बड़े सार्वजनिक और निजी उद्यमों के अनुरूप व्यवस्था बनाई जा सके. सूत्रों ने कहा कि इस मांग को पेट्रोलियम मंत्रालय ने मान लिया है और अब कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) की सहमति का इंतजार है.

आईओसी में इस समय एक चेयरमैन - श्रीकांत माधव वैद्य और वित्त, विपणन, मानव संसाधन, पाइपलाइन, शोधन, योजना तथा व्यवसाय विकास और शोध एवं विकास के लिए सात कार्यकारी निदेशक हैं. सूत्रों ने कहा कि शोध एवं विकास (R&D) निदेशक का पद समाप्त होने की संभावना है, क्योंकि केवल 400 व्यक्तियों वाले विभाग के लिए निदेशक रखने का कोई व्यावसायिक औचित्य नहीं है. सरकार ने हाल में अरुण कुमार सिंह को ऑयल एंड नैचुरल गैस निगम (ONGC) के चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया, लेकिन उन्हें प्रबंध निदेशक नहीं बनाया. संभावना है कि सरकार कंपनी के लिए एक अलग सीईओ या प्रबंध निदेशक की नियुक्ति कर सकती है.

नई दिल्ली : वैश्विक स्तर पर ज्यादातर बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों का संचालन प्रबंध निदेशक या मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) और एक चेयरमैन द्वारा किया जाता है. इनके ऊपर निदेशक मंडल होते हैं, जिनकी प्राथमिक जिम्मेदारी निवेशकों के हितों की रक्षा करने की होती है. भारत की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) इसका अपवाद है, क्योंकि कंपनी में कभी कोई प्रबंध निदेशक या सीईओ नहीं रहा.

आईओसी का नेतृत्व हमेशा चेयरमैन के पास रहता है, जो एक प्रबंध निदेशक या सीईओ की भूमिका भी निभाते हैं. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय जल्द ही इस व्यवस्था में बदलाव कर सकता है. कंपनी लंबे समय से इस बदलाव की मांग कर रही थी, ताकि दूसरे बड़े सार्वजनिक और निजी उद्यमों के अनुरूप व्यवस्था बनाई जा सके. सूत्रों ने कहा कि इस मांग को पेट्रोलियम मंत्रालय ने मान लिया है और अब कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) की सहमति का इंतजार है.

आईओसी में इस समय एक चेयरमैन - श्रीकांत माधव वैद्य और वित्त, विपणन, मानव संसाधन, पाइपलाइन, शोधन, योजना तथा व्यवसाय विकास और शोध एवं विकास के लिए सात कार्यकारी निदेशक हैं. सूत्रों ने कहा कि शोध एवं विकास (R&D) निदेशक का पद समाप्त होने की संभावना है, क्योंकि केवल 400 व्यक्तियों वाले विभाग के लिए निदेशक रखने का कोई व्यावसायिक औचित्य नहीं है. सरकार ने हाल में अरुण कुमार सिंह को ऑयल एंड नैचुरल गैस निगम (ONGC) के चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया, लेकिन उन्हें प्रबंध निदेशक नहीं बनाया. संभावना है कि सरकार कंपनी के लिए एक अलग सीईओ या प्रबंध निदेशक की नियुक्ति कर सकती है.

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(पीटीआई-भाषा)

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