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CRISIL on Indian GDP : वित्त वर्ष 2024 में भारत की जीडीपी 6 फीसदी की दर से बढ़ेगी

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2024 में भारतीय जीडीपी के बेहतर रहने की उम्मीद जताई है. क्रिसिल ने कहा कि वैश्विक रुझानों का Indian Economy पर ज्यादा नाकारात्मक असर नहीं पड़ेगा.

India's GDP
भारत की जीडीपी
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Published : Mar 16, 2023, 3:49 PM IST

चेन्नई: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल लिमिटेड ने वैश्विक माहौल को निराशाजनक करार देते हुए गुरुवार को भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 2024 के लिए 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. क्रिसिल ने कहा, 'भू-राजनीतिक घटनाओं की एक जटिल परस्पर क्रिया, अत्यधिक उच्च मुद्रास्फीति और इसका मुकाबला करने के लिए दरों में तेज वृद्धि ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को अधिक खराब कर दिया है.'

अगले साल महंगाई 5 फीसदी रहने की उम्मीद: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर, दर वृद्धि का प्रभाव वित्त वर्ष 2024 में भी चलेगा. क्रिसिल के अनुसार, कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों में कुछ नरमी के कारण उपभोक्ता मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2024 में औसतन 5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. रबी की अच्छी फसल से खाद्य मुद्रास्फीति (food Inflation) को कम करने में मदद मिलेगी, जबकि धीमी होती अर्थव्यवस्था को कोर मुद्रास्फीति (महंगाई) को कम करना चाहिए.

अल नीनो घटना की संभावना : क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि गर्मी की लहर और विश्व मौसम विज्ञान संगठन की भविष्यवाणी है कि अल नीनो की घटना अगले कुछ महीनों में होने की संभावना है. प्रबंध निदेशक और सीईओ अमीश मेहता ने कहा, 'भारत की मध्यम अवधि की विकास संभावनाएं बेहतर हैं. अगले पांच वित्तीय वर्षों में, हम उम्मीद करते हैं कि पूंजी और उत्पादकता में वृद्धि से सकल घरेलू उत्पाद सालाना 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा. उन्होंने कहा, 'वर्तमान में, लगभग 9 प्रतिशत बुनियादी ढांचा और औद्योगिक कैपेक्स हरित है.

हम वित्त वर्ष 2027 तक इस संख्या को 15 प्रतिशत तक बढ़ते हुए देख रहे हैं.' मुख्य अर्थशास्त्री, धर्मकीर्ति जोशी के अनुसार, भारत की बाहरी वलर्नाबिलिटी लो Current Account Deficit (CAD) और मामूली अल्पकालिक बाहरी ऋण के साथ घटने की उम्मीद है.

(आईएएनएस)

चेन्नई: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल लिमिटेड ने वैश्विक माहौल को निराशाजनक करार देते हुए गुरुवार को भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 2024 के लिए 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. क्रिसिल ने कहा, 'भू-राजनीतिक घटनाओं की एक जटिल परस्पर क्रिया, अत्यधिक उच्च मुद्रास्फीति और इसका मुकाबला करने के लिए दरों में तेज वृद्धि ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को अधिक खराब कर दिया है.'

अगले साल महंगाई 5 फीसदी रहने की उम्मीद: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर, दर वृद्धि का प्रभाव वित्त वर्ष 2024 में भी चलेगा. क्रिसिल के अनुसार, कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों में कुछ नरमी के कारण उपभोक्ता मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2024 में औसतन 5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. रबी की अच्छी फसल से खाद्य मुद्रास्फीति (food Inflation) को कम करने में मदद मिलेगी, जबकि धीमी होती अर्थव्यवस्था को कोर मुद्रास्फीति (महंगाई) को कम करना चाहिए.

अल नीनो घटना की संभावना : क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि गर्मी की लहर और विश्व मौसम विज्ञान संगठन की भविष्यवाणी है कि अल नीनो की घटना अगले कुछ महीनों में होने की संभावना है. प्रबंध निदेशक और सीईओ अमीश मेहता ने कहा, 'भारत की मध्यम अवधि की विकास संभावनाएं बेहतर हैं. अगले पांच वित्तीय वर्षों में, हम उम्मीद करते हैं कि पूंजी और उत्पादकता में वृद्धि से सकल घरेलू उत्पाद सालाना 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा. उन्होंने कहा, 'वर्तमान में, लगभग 9 प्रतिशत बुनियादी ढांचा और औद्योगिक कैपेक्स हरित है.

हम वित्त वर्ष 2027 तक इस संख्या को 15 प्रतिशत तक बढ़ते हुए देख रहे हैं.' मुख्य अर्थशास्त्री, धर्मकीर्ति जोशी के अनुसार, भारत की बाहरी वलर्नाबिलिटी लो Current Account Deficit (CAD) और मामूली अल्पकालिक बाहरी ऋण के साथ घटने की उम्मीद है.

(आईएएनएस)

पढ़ें: Economic Survey 2023: अगले वित्त वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार घटकर हो सकती है 6.5 प्रतिशत

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