नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भारत की जीडीपी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी के ग्रोथ रेट को पार करने की राह पर है. एसबीआई की शुक्रवार को जारी शोध रिपोर्ट इकोरैप में कहा गया है कि FY23 की चौथी तिमाही में भारत की वृद्धि दर 5.5 फीसदी रहने की संभावना है. जिसके चलते वित्त वर्ष 23 में India Growth Rate 7.1 फीसदी रहेगी.
ग्रोथ रेट 7 फीसदी की उम्मीद : आपको बता दें कि इस तरह के आकड़ें कुछ समय पहले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने भी जारी किए थे. जिसमें अनुमान लगाया गया था कि 31 मार्च 2023 को समाप्त वर्ष में देश की ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहेगी. वहीं, SBI के इकोरैप रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में उभरने वाले विकास के विविध पैटर्न नीति निर्माताओं, नियामकों और अर्थशास्त्रियों के सामने न केवल चालू वर्ष 2023 के दौरान अनुमानित विकास की वास्तविक दरों का आकलन करने में अभूतपूर्व चुनौतियां ला रहे हैं. इन चुनौतियों के 2024 और 2025 में भी जारी रहने की आशंका जताई जा रही है. इसके पीछे की वजह महंगई को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंकों की ओर से की जा रही कवायद का लंबा खिंचना बताया जा रहा है.
निजी निवेश में वृद्धि, रोजगार सृजन की उम्मीद : इस वैश्विक उथल-पुथल के बीच SBI Research की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत से उम्मीद की जा रही है कि GDP के मामले में अपना प्रदर्शन जारी रखेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि Indian Economy में घरेलू खपत और निवेश को कृषि व संबद्ध गतिविधियों की मजबूत संभावनाओं, व्यापार और कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में मजबूती और मजबूत ऋण वृद्धि से लाभ होगा. आपूर्ति प्रतिक्रियाओं और लागत की स्थिति में सुधार होने की भी उम्मीद है क्योंकि महंगाई का दबाव कम हो रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2023-24 में पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) पर जोर देने से निजी निवेश में वृद्धि, रोजगार सृजन और मांग मजबूत होने से GDP में बढ़त की उम्मीद है.
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